भावार्थ दीपिका!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावार्थ दीपिका – Bhavartha Dipika. A commentary book written by Pandit Shivjit. पं. शिवजित (वि. १८१८) कृत भगवती आराधना की भाषा टीका “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावार्थ दीपिका – Bhavartha Dipika. A commentary book written by Pandit Shivjit. पं. शिवजित (वि. १८१८) कृत भगवती आराधना की भाषा टीका “
उदीचीन Northern. उत्तर दिशा की ओर मुड़ा हुआ उत्तर दिशा से सम्बन्ध रखने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसिद्धि – Sansiddhi. Completion of any work. किसी कार्य का निष्पन्न या पूर्ण होना ” सिद्ध, साधित, आराधित और संसिद्धि शब्द एकार्थवाची हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मोह-विजय : == णिस्सेसखीणमोहा, फलिहामलभायणुदयसमचित्तो। —पंचसंग्रह : १-१५ जिसने सम्पूर्ण मोह को पूरी तरह नष्ट कर दिया है, उस निर्मोही का चित्त स्फटिक मणि के पात्र में रखे हुए स्वच्छ जल की भाँति निर्मल हो जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेदकल्पना – सापेक्ष – अशुद्ध – द्रव्यार्थिक नय –A kind of viewpoint which differentiate the relation of properties (virtues) and its possessor (matter). नय; जो द्रव्य में गुण-गुणी का भेदकर के उनमेंसम्बधं स्थापित करता है, जैसे द्रव्य गुण व पर्याय वाला है अथवा जीव ज्ञानवान्है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लवणसागर – मध्यलोक का प्रथम सागर खारे जल वाला होने से इसका नाम लवणोदधि है। Lavanasagara- The first ocean of middle universe, containing salty water
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भूषांग:See – Bhusanamga jati kalpvraksh. देखें – भूषणांग जाति कल्प वृक्ष।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसंवेग संम्पन्नता – तीर्थकर कर्मबंध का छठा कारण रत्नत्रय जनित हर्श का नाम लब्धिसंवेग है। Labdhisamvega Sampannata-A kind of super enjoyment pertaining to Tirthankar (Jaina-Lord)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवाद – Vivada. A doctrinal debate, Dispute, Quarrel, Contro-versy. शास्त्रर्थ, संघर्ष, विचार – विमर्श, कलह ” दूसरे के मत को खण्डन करने वाले वचन का कहना विवाद है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सचित्त योनि – Sachitta Yoni. Female genital organ. गुण योनि के 9 भेदों में एक भेद; जीव की उत्पत्ति का सचित्त स्थान “