सागर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागर – Saagara. Ocean, sea, name of the main questioner in the assembly of Lord Ajitnath. समुद्र, मध्यलोक मे द्वीपांे का वेष्टित करते हुए एक के पीछे एक असंख्यात सागर है। तीर्थकर अजितनाथ का मुख्य प्रश्नकर्ता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागर – Saagara. Ocean, sea, name of the main questioner in the assembly of Lord Ajitnath. समुद्र, मध्यलोक मे द्वीपांे का वेष्टित करते हुए एक के पीछे एक असंख्यात सागर है। तीर्थकर अजितनाथ का मुख्य प्रश्नकर्ता।
उष्माहार One of the figs – a fruit, not edible according to Jain philosophy . देखें-ओजाहार।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुनि लिंग–Muni Ling. A nude saint (having abandonded all worldly attachements). शास्त्र कथित जिनेन्द्र भगवान् जैसा मुनि रूप”
उष्ट्रकूट श्रेणी Camel back range . ऊँट की पीठ की तरह प्रदेशों की निषेक रचना को उष्ट्रकूट श्रेणी कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिकृति A mountain situated in Bharat kshetra (region), name of a city of Vidyadhars. कृतिकर्म प्रदक्षिणा, नमसकारादि क्रियाओं को तीन बार करना अथवा एक दिन में जिन देव , गुरू और ऋषियों की तीन बार वंदना करना। (त्रिः कृत्वा)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव क्रिया – Vibhava Kriya . Contrary activity. जीव – पुद्ग्ल द्रव्य की स्वभाव से विपरीत क्रिया “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हेमकूट – Hemakuuta. Name of the 40th city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध पर्वत की दक्षिणी श्रेणी का 40वां नगर।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाना-जीव एक-अजीव – Nana-Jiva Eka-Ajiva Pertaining to different types of living beings and one non-living beings अनेक जीव और एक अजीव ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सत्यवादी : == विश्वसनीयो मातेव, भवति पूज्यो गुरुरिव लोकस्य। स्वजन इव सत्यवादी, पुरुष: सर्वस्य भवति प्रिय:।। —समणसुत्त : ९५ सत्यवादी पुरुष माता की तरह विश्वसनीय, जनता के लिए गुरु की तरह पूज्य और स्वजन की भाँति सबको प्रिय होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हृदिनंदि – Hrdinandi. Name of a Bhattarak of Nandi group. नंदिसंध बलात्कारगण भट्टारक आम्नाय वारां गट्ठी के एक भट्टारक विश्वचन्द्र के षिष्य। समय वि. 1156।