तुट्यंग!
तुट्यंग A time unit. 84 लाख कमल प्रमाणकाल। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्याहार- मन की प्रवृति का संकोच कर लेने पर मानसिक सन्तोश होता है उसे प्रत्याहार कहते है। pratyahara – mental satisfaction
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रपर्वा – Sahasraparvaa. Name of a superpower possessed by Nami & Vinami Vidyadhars. धरणेन्द्र द्वारा नमि व विनमि विद्याधरो को प्राप्त विद्या ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहवा (कवि) – Sahavaa (Kavi). Name of a Marathi poet, the writer of Neminath Puran. नेमीनाथ पुराण के रचयिता (ई0 1717) एक मराठी कवि ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्तिलकचंद्रिका–Yashastilakchandrika. Name of a commentary book. सोमदेवकृत यशस्तिलक चम्पू की श्रुतसागर (ई. 1480–1499) कृत एक संस्कृत टीका”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग स्तोत्र –VitaragaStotra. Name of a Sanskrit spiritual hymn. एक आध्यात्मिक संस्क्रत स्तोत्र ” शिवं शुध्द बुध्दं …………. चिदानंद रूपं णमो वितरागं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राधान्य पद- उपक्रम का एक भेद; बहुत से पदार्थो के होने पर भी किसी एक पदार्थ की बहुलता आदि द्वारा प्राप्त हुई प्रधानता से बोले जाने वाला नाम। जैसे- आग्रवन, निम्नवन इत्यदि। Pradhanyapada-A type of Upakrama( a type of persuasion) dominant name or thing
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंतरदेव –Vyaintaradeva. Peripatetic deities ( Bhoot, Pishach etc.). किन्नर, किम्पुरुष, महोरग, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, भुत और पिशाच ये ८ प्रकार के व्यंतर देव कहलाते हैं ” ये वैकिर्यिक शरीर के धारी होते हैं एवं इनके असंख्य भवनों में जिनमंदिर होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणातिपात विरमणव्रत- अहिंसाव्रत; जीवों कें प्राणों की रक्षा करना। PranatipataViramanavrata- A vow of non violence