एकान्त वृद्धावृद्धि!
एकान्त वृद्धावृद्धि One sided increase in purity. देश संयत पंचम गुणस्थान के प्रथम समय से लगाकर अंतर्मुहूर्त पर्संत अनंतगुणी विशुद्धता का बढ़ना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकान्त वृद्धावृद्धि One sided increase in purity. देश संयत पंचम गुणस्थान के प्रथम समय से लगाकर अंतर्मुहूर्त पर्संत अनंतगुणी विशुद्धता का बढ़ना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरेश्वर – Sureshvara. The disciple of Shankaracarya, the writer of ‘Naishkarmya Sidhi’and other treatises. शंकराचार्य के शिष्य (समय-ई0 820), इन्होने नैष्कर्म्य सिद्धि, वृहदारण्यक उपनिषद भाष्य ग्रंथ लिखे है।
[[श्रेणी :शब्दकोष ]] मिश्र उपचारित असद्भूत व्यवहार नय–Mishra Upcharit Asdbhuut Vyavahar Nay. A type of standpoint related to considering ownness in different object as town, state, country etc. राज्य, दुर्ग, नगर आदि जो बिलकुल भिन्न मिश्र जीव पदार्थ है उनको जिस नय से अपना माना जाय”
गौतमगणधर- जैनधर्म के २४ वें तीर्थंकर भगवान महावीर के प्रमुख गणधर । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकवाद – Lokavaada.: Name of a doctrine believing worldly traditions as religion. एक एकांत मत ;एकवाद “लोक में जो प्रवृति हो उसे ही एकांत से धर्म मानने वाले “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पाक्षिक प्रतिक्रमण – Paakshika Pratikramana. A type of repentance for the faults of 15 days. प्रतिक्रमण का एक भेद; पाक्षिक अर्थात् 15 दिन में लगे हुए दोषों को दूर करना ” जैन साधू प्रत्येक चतुर्दशीको पाक्षिक प्रतिक्रमण करते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमित्रा – Sumitraa. Name of female divinity of Kanchan summit of saumnas Gajdant mountain, Mothers’s Name of Lakshaman. सौमनस गजदंत के कांचन कूट की देवी, लक्ष्मण की माता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिणामिक भाव – Parinamika Bhava. A type of instinct of nature of living beings. जीव के निज ५ भावों में एक भाव. इसके तीन भेद होते हैं- जीवत्व, भव्यत्व और अभव्यत्व “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघमाल–Meghmaal. Name of a city in northern Vijayardh mountain, Name of a Vakshar mountain situated in western Videh (a region) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का नगर, अपर विदेह स्थित एक वक्षार पर्वत”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुभौम – Subhauma. Name of the 8th Chakravarti (emperor). 8वे चक्रवर्ती, जो णमोकार मंत्र का अपमान करने के कारण मरकर 7 वे नरक में गयें ।