दण्डनीति!
दण्डनीति Harsh policy of a ruler, the ethics of a ruler. प्रशासन विद्या यह प्रशासन की 4 विद्याओं में एक विद्या है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दण्डनीति Harsh policy of a ruler, the ethics of a ruler. प्रशासन विद्या यह प्रशासन की 4 विद्याओं में एक विद्या है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवाह – Sanvaha. A type of township; prosperous place. नगरों का एक प्रकार ” जहां मस्तक तक ऊचें ऊचें धान्य के ढेर लगे रहते हैं वेह संवाह नगर कहलाता हैं ” समुन्द्र की बेला से वेसिस्ट स्थान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षोडश स्वप्न (चक्रवर्ती) – Sodasha Svapna (Cakravartee). Sixteen different symbolic dreams seen by Bharat Chakravarti (an emperor). भरत चक्रवर्ती के 16 स्वप्न- पर्वत पर 23 सिंह, सिंह के साथ हिरणों का समूह, हाथी के ऊपर बैठा बंदर, अन्य पक्षियों द्वारा त्रसित उल्लू, आनंद करते भूत, मध्यभाग में सूखा तालाब, मलिन रत्नराशि, कुत्ते का नैवेद्य…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रविन्द्र कुमार बह्यचारी – गणिनिप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के एक प्रमुख षिश्य जम्बद्वीप रचना हस्तिनापुर के प्रमुख स्तम्भ।सन् 1972 में आजन्म ब्रहमचार्य व्रत लेकर क्रमष घर्मक्षेत्र में अथक परिश्रम करके माताजी की प्रेरणा से जम्बुद्वीप हस्तिनापर, तपस्थली प्रयाग, कुण्डलपुर, मांतुगा, अयाध्या एवं अनेक तीर्थ क्षेत्रो का विकास करते हुए जैन धर्म की संस्क्ति का…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षड् रस – Sadrasa. Six particular kinds of delicacies (milk, curd, ghee, oil, salt, sugar). 6 रस- दूध, दही, घी, तेल, नमक, मीठा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रासुक परित्याग- दया बुद्धि से साधुओं के द्वारा किये जाने वाले ज्ञान, दर्षन, चारित्र के दान का नाम प्रासुक परित्याग है। Prasuka parityaga- Preaching of right faith, right knowledge & right conduct by jaina saints
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षट्खंडागम टीका – Satkhandaagama Teekaa. The commentary books written on Shatkhandagam- 6 great scriptural parts. षट्खंडागम ग्रंथ के जीवट्ठान,खुद्दाबंध, बंधस्वामित्व विचय, वेदना, वर्गणा, महाबंध, in 6 खण्डों पर उपलब्ध अनेक टीकाएं ” छठे खण्ड पर वीरसेन स्वामी ने संक्षिप्त व्याख्या के अतिरिक्त और कोई टीका नही की है ” सर्वप्रथम परिकर्म नामक टीका आचार्य…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्वेताम्बराभास – Shvetaambaraabhaasa. A sub-sect of Shvetambar Jain group. स्वेताम्बर संघ से उत्पन्न हुआ एक मत, अपरनाम ढूंढिया मत या स्थानकवासी मत “