तपकल्याणक वंदना!
तपकल्याणक वंदना Worshipping prayer of an auspicious event of Tirthankar’s (Jaina-Lord) life. कृतिकर्म सिद्ध- चारित्र- योगि व शांति भक्ति ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तपकल्याणक वंदना Worshipping prayer of an auspicious event of Tirthankar’s (Jaina-Lord) life. कृतिकर्म सिद्ध- चारित्र- योगि व शांति भक्ति ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकाग्र –Lokaagra: The supreme place of salvation (Siddha shila) . मोक्ष ,सिद्धालय या लोक का शिखर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरंश – Niransha. Non – divisible particles. अवयव रहित: अखंड परमाणु, द्रव्यार्थिक नय से परमाणु में निरंशपना होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकबाधित – Lokabaadhit.: A fallacy of universal obstruction . बाधित हेत्वाभास का एक भेद ;जिस हेतु के साध्य में लोक से बाधा आती है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परिपुष्ट: Stout, strong well-nourished. पुष्ट, दृढ, स्थूल शरीर वाला “
तत्वार्थसूत्र A great treatise written by Acharya Umasvami. आचार्य उमास्वामी (ई.श.2) कृत मोक्षमार्ग, तत्वार्थ दर्शन विषयक 10 अध्यायों में सूत्रबद्ध ग्रंथ । अपरनाम -मोक्ष शास्त्र। एक बार पाठ करने से उपवास के फल की प्राप्ति करने वाला। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमागधी – Sumaagadhee. Name of a river of eastem middle Arya Khand (region). पूर्वी मध्य आर्य खण्ड की एक नदी ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारिग्राहिकी क्रिया – Parigrahiki Kriya. Activity causing constant attachment to worldly objects. सम्परायिक आस्त्रव की २५ क्रियाओं में एक क्रिया; यह परिग्रह में प्रवृत्ति कराने वाली होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोंच – Lonch.: Plucking of hair by own hands (a basic restrain of Jain saints). बाल उखाड़ना ” दिगम्बर जैन साधु –साध्वियों के 28 मूलगुणों में से एक मूलगुण 4 , ३ या २ महीने में अपने सिर के एवं दाढ़ी , मूंछ के बालों को हाथ से उखाड़ना “