लोभाणु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोभाणु –Lobhaanu Subtle form of greed . सूक्ष्म साम्पराय गुणस्थान जहां लोभाणु अर्थात् सूक्ष्म लोभ रहता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोभाणु –Lobhaanu Subtle form of greed . सूक्ष्म साम्पराय गुणस्थान जहां लोभाणु अर्थात् सूक्ष्म लोभ रहता है “
उपशांतमोह Subsided delusion, The saint with quiescent passions . उपशम कषाय का अपर नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशाखदत्त – Vishakhadatta. The first Achary possessing knowledge of 11 Angas & 10 purvas (parts of shrutgyan-scriptural knowledge). ११ अंग १० पूर्व के ज्ञाता ११ मुनियों में प्रथम आचार्य ” अपरनाम विशाखाचार्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तर मंगल –Lokottara Mangal: Artificial & natural temples,Lord Arihant etc. are called Lokottara Mangal. अरिहंत भगवान ,कृत्रिम-अकृत्रिम चैत्यालय आदि ये समस्त संसार के लिए मंगल स्वरुप होते हैं “
उपसौमनस A part of Saumanasa forest. सौमनस वन का एक अन्तर्वर्ती वन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आवीचिका मरण Instantial death (destruction of the body). जीव की आयु का प्रतिक्षण क्षीण होने रूप नित्य मरण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति अक्षर – Nirvrtti Akshara. Words pronounced by the living beings. जीवों के मुख से निकले शब्द, यह व्यक्त और अव्यक्त ऐसे दो प्रकार से होते है “
उत्तरोत्तर कर्म प्रकृति Secondary karmic nature. 148 उत्तर कर्म प्रकृतियों के भी भेद-प्रभेद।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विकृति – Nirvikriti. Tasteless substance like buttermilk etc. जिस आहार को परस्पर मिलाने से विशेष स्वाद उत्पन्न होता है उसे विकृति कहते है, विकृति से रहित छाछ आदि को निर्विकृति कहते है “
आतपत्र A parasol – one of the 14 jewles of a Chakravarti (emperor). चक्रवर्ती के 14 रत्नों में एक रत्न-छत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]