मंत्रशाला!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंत्रशाला: A part of the palaces of astrological deities. ज्योतिष देवों के प्रासादों में एक कक्ष अथवा जिसमें राजा अपने मंत्रियों के साथ मन्त्रणा करते हैं वह कक्ष “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंत्रशाला: A part of the palaces of astrological deities. ज्योतिष देवों के प्रासादों में एक कक्ष अथवा जिसमें राजा अपने मंत्रियों के साथ मन्त्रणा करते हैं वह कक्ष “
तृतीय भूमिका See – Tîsarî Bhýmikå. देखें- तीसरी भूमिका। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयाचार्य – Vijayaachaarya.: An Acharya, the disciple of Baldevsuri. अपरनाम अपराजित ,बलदेवसूरि के शिष्य एक आचार्य ,इन्होनें भगवती आराधना पर विस्तृत संस्कृत टीका लिखी है “समय –शक सं. 658 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदभूत व्यवहार नय – Sadbhuuta Vyavahaara Naya. A standpoint describing something with differentiation in virtues and virtuous one. व्यवहार नय है।
तिर्यग्योनि Form of Tiryanch beings i.e. the beings other than celestial, infernal and human beings. तिर्यचयोनि उपपाद जन्म वाले और मनुष्यों के अलावा शेष सभी एकेनिद्रय से पंचेन्द्रिय तक के जीव तिर्यंचयोनि वाले कहलाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयगुप्त – Vijayagupt.: Name of the 31st chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थंकर ऋषभदेव के 31वें गणधर “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] म:The 25th consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का पचीसवाँ व्यंजन इसका उच्चारण स्थान ओष्ट और नासिका है “
तिलक Sectarian mark made (with saffron, sandal etc.) chiefly on the forehead, A city in the north of Vijayardh mountain, Name of the initiation – tree of Lord Kunthunath. केसर आदि से ललाट में जो टीका लगाया जाता है उसे तिलक कहते है । विजयार्थ की उत्तर रेणी का एक नगर, भगवान कुन्थुनाथ के दीक्षा…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्रिया ऋद्धि – Vikriyaa Riddhi.: A kind of supernatural power of transforming body shape. एक प्रकार की ऋद्धि ; जो तपस्या से प्राप्त होती है इसके 8 भेद हैं – अणिमा , महिमा ,गरिमा ,लघिमा ,प्राप्ति,प्राकाम्य ,ईशित्व ,वशित्व “
तिर्यंच लोक सिद्ध Salvated personalities (Siddha Bhagwan) of the middle universe. मध्य लोक से होने वाले सिद्ध। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]