गणपोषण काल!
गणपोषण काल Nurturing period of disciples under Acharyas. दीक्षादी ६ कालों का एक भेद; आचार्य का निश्चय व्यवहार काल में स्थित होक्जर शिष्यागणों का पोषण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणपोषण काल Nurturing period of disciples under Acharyas. दीक्षादी ६ कालों का एक भेद; आचार्य का निश्चय व्यवहार काल में स्थित होक्जर शिष्यागणों का पोषण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == माया : == सच्चाण सहस्साण वि, माया एक्कावि णासेदि। —भगवती आराधना : १३८४ एक माया हजारों सत्यों का नाश कर डालती है। माया तैर्यग्योनस्य। —तत्त्वार्थ सूत्र : ६-२७ माया तिर्यंच योनि को देने वाली है। (तिर्यंच माया के कारण ही बांके होकर चलते हैं।)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेदज्ञान:Discriminating science (knowledge).जीवादि सातों तत्वों में सुखादि की अर्थात् स्व तत्व की स्वसंवेदनगम्य पृथक् प्रतीति होना ” अथवा स्व पर पदार्थो का यथार्थ ज्ञान होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भृंगनिभा:Name of a vapi(like large lake) of sumeru mountain. सुमेरु के नन्दनादि वनों मेंस्थित एक वापी (बावड़ी) ।
गंधनामकर्म Karma causing odourous body. जिसके उदय से शरीर में गंध हो । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सामायिक : == तस्स सामाइयं होइ, इइ केवलिभासियं।। —अनुयोगद्वार सूत्र : १२७ जिसकी आत्मा संयम में, नियम में एवं तप में सन्निहित (तल्लीन) है, उसकी सच्ची सामायिक होती है, ऐसी केवली भगवान् ने कहा है। जो समो सव्वभूएसु, तसेसु थावरेसु अ। तस्स सामाइयं होइ, इह केवलिभासिअं।। —अनुयोगद्वार सूत्र…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सदाचारी : == वायाए अकहंता सुजणे, चरिदेहि कहियगाा होंति। —भगवती आराधना : ३६६ श्रेष्ठ पुरुष अपने गुणों को वाणी से नहीं, किन्तु सच्चरित्र से ही प्रकट करते हैं।