पर प्रशंसा!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर प्रशंसा: Appreciation of Others.उच्च गोत्र के आस्रव का एक कारण दूसरों की प्रशंसा करना ।
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आराधना सार समुच्चय A book written by ‘Acharya Ravichandra’. आचार्य रविचन्द्र (ई.श.12-13) द्वारा रचित एक चतुर्विध आराधना विषयक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हास्य वचन – Haasya vacana. The ridiculous speech. हंसी परिहास मिश्रित वचन। सत्पुरुष ऐसे वचनों का प्रयोग नही करते।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिषेणा – Harisenaa. Name of the chief Aryika (Ganini) in the assembly of lord Shantinath. तीर्थकर शांतिनाथ के संध की प्रमुख गणिनी आर्यिका।
ऋषिवंश An ancient dynasty, Somvansha. सोमवंश को ही ऋषिवंश कहा है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरितालवर – Haritaalavara. Name of an island & an ocean of middle universe. मध्यलोक का एक द्वीप व सागर।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हरि (कुंड व कूट) – Hari (Kummda & Kuuta). Name of a pond or pool of Hari river, Name of summits of Nishadhkulachal, Vidyutprabh Gajdant & Malyavan mountains. हरित नही का कुंड, निषधकुलाचल पर पांचवां कूट, विद्युत्प्रभ गजदंत व माल्यवान पर्वतस्थ एक-एक कूट।
आम्नाय Sect, Tradition, Revision (a type of Svadhyay). पंथ, परम्परा,उदाहरण की शुद्धि पूर्वक पाठ को पुनः पुनः दोहराना(स्वाध्याय का एक भेद)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्पाद पूर्व First early canon of Jaina, a type of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुत ज्ञान के 14 पूर्वों में से प्रथम पूर्व जीव पुद्गल आदि का जहाँ जब जैसा उत्पाद होता है उस सबका वर्णन जिसमें हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]