त्वचा!
त्वचा Skin, Bark. वृक्ष, गच्छ या स्कन्धों की छाल, चमड़ी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुशिलापटता- रत्नप्रभा पृथिवी के खरभाग का अंतिम पटल। Bahusilapatala- Name of a patal (layer) of Ratnaprabha earth
त्रींदिय जाति नामकर्म प्रकृति A karmic nature causing birth in Tiryanch destination. जिसके उदय से स्पर्शन , रसना , घ्राणा इन तीन इन्द्रियधारी तिर्यंचों में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बगुला- एक पक्षी, श्रोता का एक भेद; बगुला के समान बाहर से भद्र एवं अंतरंग से दुष्ट होना। Bagula- A heron, A type of listener (reg. deceptive nature)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रोषधोपवास – पर्व (अश्टमी, चतुर्दषी आदि) के दिनों में चारों पगाकर के आहार का त्याग करके धर्म ध्यान में दिन व्यतीत करना। Prosadhopvasa- fasting (on 8th & 14th day etc of each fortnight
चतुःस्थानीय The actual fruition of the Karmic matters having strong or mild attributes. अनुभाग बंध ; प्रशस्त कर्म प्रकृतियों का गुड़ , खाण्ड , शक्रा और अमृत रूप एवं अप्रशास्ता कर्म प्रकृतियों का लाता , दारू , अस्थि , शैलरूप अनुभाग बंध चतुःस्थानीय कहलाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणावां (तीर्थ) Name of a place in Navada district of Bihar which is the salvation land of the first chief disciple (Gandhar) of Lord Mahavira. भगवान महावीर के प्रथम गणधर श्री गौतम स्वामी की निर्वाणभूमि . बिहार प्रान्त के नवादा जिले में स्थित इस तीर्थ पर पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से नवनिर्मित…
त्रिलोकव्याप्त One who is diffused in all three worlds. जो तीनों लोकों में व्याप्त है , लोकपूरण समुदघात, केवली भगवान के आत्मप्रदेशों का घनलोकप्रमाण सर्वलोक में फैल जाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दण्डनीति Harsh policy of a ruler, the ethics of a ruler. प्रशासन विद्या यह प्रशासन की 4 विद्याओं में एक विद्या है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]