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ई The fourth vowel of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का चतुर्थ स्वर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ई The fourth vowel of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का चतुर्थ स्वर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रजतप्रभ – कुंडलवर पर्वत के दक्षिण दिषा का प्रथम कूट Rajata Prabha-Name of the first summit of southern Kundalvar mountain
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमावगाढ सम्यक्तवार्य :See – Paramavagarha Darsandrya.देखें – परमावगाढ़ दर्शनार्थ ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधन साध्य भाव – Saadhana Saadhya Bhaava. Relations related to means and goal. साध्य साधक भाव । व्यवहार सम्यक्त्व साधन या साधक है एवं निष्चय सम्यत्तव साध्य है।
ऋषभ Bull – identifying symbol of the first Jaina-Lord Rishabhadev. बैल- तीर्थंकर ऋषभदेव का चिन्ह।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत् – Sat. Truth, Reality, Existence, Essence. पदार्थों का स्वतः सिद्ध अस्तित्व ” या उत्पाद, व्यय और ध्रौव्य से युक्त द्रव्य ” सता, सत्व, सामान्य, द्रव्य, वस्तु, अर्थ, विधि, सत् ये सर्व एकार्थवाची शब्द हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साता वेदनीय – Saata Vedaneeya. Pleasure giving karmas. वेदनीय कर्म के दो भेदो मे एक भेद। जिस कर्म के उदय से जीव को इन्द्रिय और मन सम्बन्धी सुख की प्राप्ति होती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरलन – Viralana. Destribution or spreading of numbers in the form of 1. किसी संख्या को एक –एक करके फैलाना “
तीर्थंकर भक्ति Name of a book written by Acharya Samant-bhadra. आचार्य समंतभद्र (ई. 120-185) ककृत स्तुति विद्या भक्ति स्तोत्र, अपरनाम जिनशतक। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]