सूत्रविरूद्ध!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्रविरूद्ध – Sutra Viruddha. Contrary to scriptural facts. जिन वचन या आगम (श्रुत) वचन के विपरीत अथवा अप्रमाण ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्रविरूद्ध – Sutra Viruddha. Contrary to scriptural facts. जिन वचन या आगम (श्रुत) वचन के विपरीत अथवा अप्रमाण ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंकजगुल्मा – Pankajagulmaa. Past-birth name oa Lord Vasupujya. वासुपूज्य भगवान के पूर्व भव का नाम “
त्रींदिय जाति नामकर्म प्रकृति A karmic nature causing birth in Tiryanch destination. जिसके उदय से स्पर्शन , रसना , घ्राणा इन तीन इन्द्रियधारी तिर्यंचों में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग श्रमण –VitaragaSrmana. One free from all passionate delusions, a saint. शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के राग से मुक्त साधु वीतराग श्रमण है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिष्टाक – Pistaka. Name of the 28th Indrak or Patal (layer) of Saudharma Ishan Yugal heaven. सौधर्म ईशान युगल के २८ वें इन्द्रक या पटल का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म लोभ – Sukshma Lobha. Minute greediness. सूक्ष्म साम्पराय को सूक्ष्म लोभ कहते हैं अथवा 10 वें गुणस्थान में पाया जाने वाला लोभ ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यास – Nyaasa. Installation, Entrusting. रखना; निक्षेप, लोक व्यवहार नाम, stस्थापनादि “
चतुःस्थानीय The actual fruition of the Karmic matters having strong or mild attributes. अनुभाग बंध ; प्रशस्त कर्म प्रकृतियों का गुड़ , खाण्ड , शक्रा और अमृत रूप एवं अप्रशास्ता कर्म प्रकृतियों का लाता , दारू , अस्थि , शैलरूप अनुभाग बंध चतुःस्थानीय कहलाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुह्य – Suhya. Name of a country f Bharat Kshetra Arya Khand (region). भरत क्षेत्र आर्यखण्ड का एक देश ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवनभूमि – Bhavanabhumi. An auspicious land in the assembly of Lord Arihant. समवशरण की भूमि जहाँ ध्वजा – पताकयुक्त अनेकों भवन हैं “