दुःख!
दुःख Sorrow, Grief, Trouble, Pain. असातावेदनीय के उदय से होने वाला खेद व आकुलतारूप परिणाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दुःख Sorrow, Grief, Trouble, Pain. असातावेदनीय के उदय से होने वाला खेद व आकुलतारूप परिणाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चौरासी लाख योनि 84 lacs state of birth cycle of beings, ९ प्रकार गुण योनि के विशेष भेद ; पृथिवी ,जल ,अग्नि , वायुकाय , नित्य-इतर निगोद में प्रत्येक की ७-७ लाख योनि , प्रत्येक वनस्पति की १० लाख , दो इन्द्रिय से चतुरिन्द्रिय तक प्रत्येक की २-२ लाख , पंचेंद्रिय तिर्यंच – देव -नारकी…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थापना पूजा – Sthaapanaa puujaa. Consecrational workshop.वीतराग प्रतिमा मे अर्हन्त आदि की स्थापना करके जो पूजा की जाती है वह स्थापना पूजा है।
चर्मज Something made of the skins of dear, elephant, lion etc. मृग, गज , व्याघ्र , चीता आदि के चर्म से बहना वस्त्र आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्त्व प्रकृति – Samyaktva Prakrti. A karmic nature causing obstacle in right faith (faith deluding karma). दर्शन मोह की तीसरी प्रकृति, जिसके उदय से क्षयोपशम सम्यक्दर्षन मे चल, मलिन, अगाढ़ दोष उत्पन्न हो अर्थात् निर्मल न रहे।
दिक्वास A mountain situated in Lavan ocean. लवण समुद्र में स्थित एक पर्वत ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यकचारित्र – Samyakchaaritra. Right conduct-involving into spiritual development. सम्यग्दर्षन सहित शुभ क्रियाओ मे प्रवृत्ति। रागद्वेष को दूरकर समता भाव मे रमना। इसके महाव्रत (सकलचारित्र) व अणुव्रत (देषचारित्र) ये दो भेद है।
दश धर्म Ten right virtues of Jain religion (forgiveness etc.). उत्तम क्षमा आदि दश लक्षण धर्म ।