ब्रह्मचर्य व्रत और वर्तमान युवा पीढ़ी!
ब्रह्मचर्य व्रत और वर्तमान युवा पीढ़ी डॉ. ज्योति जैन खतौली’ ब्रह्मचर्य की महिमा का गुणगान भारतीय संस्कृति, विशेषत: जैन धर्म की विशेषता रही है। ‘ब्रह्म’ शब्द का अर्थ हैं ‘निर्मल ज्ञान स्वरूप आत्मा’ और उस आत्मा में लीन होने का नाम ब्रह्मचर्य है। ब्रह्मचर्य आत्मा की आंतरिक शक्ति है, अनुशासित आचरण है। जैन धर्म एवं…