राजगृही तीर्थ की आरती
राजगृही तीर्थ की आरती तर्ज—माई रे माई.............. राजगृही जी तीर्थक्षेत्र की, आरति को हम आए। आरति के माध्यम से निज में, ज्ञान की ज्योति जलाएँ।।बोलो जय...।।टेक.।। इसी धरा पर तीर्थंकर श्री मुनिसुव्रत जी जन्मे, माता सोमा के महलों में, रत्न करोड़ों बरसे। हुए चार कल्याण जहाँ पर................. हुए चार कल्याण जहाँ पर,...