भगवान पार्श्वनाथ की आरती-1
				भगवान पार्श्वनाथ की आरती   तर्ज—करती हूं तुम्हारी पूजा........... करते हैं प्रभू की आरति, मन का दीप जलेगा। पारस प्रभु की भक्ती से, मन संक्लेश धुलेगा।। जय पारस देवा, जय पारस देवा-२।।टेक.।। हे अश्वसेन के नन्दन, वामा माता के प्यारे। तेईसवें तीर्थंकर पारस, प्रभु तुम जग से न्यारे।। तेरी भक्ती गंगा में जो स्नान करेगा।...			
		 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			