नेमिनाथ की आरती
भगवान श्री नेमिनाथ की आरती तर्ज—लेके पहला-पहला प्यार.............. जय जय नेमिनाथ भगवान, हम करते तेरा गुणगान। तेरी आरति से मिटता है तिमिर अज्ञान।। करते प्रभू जगत कल्याण, तुमने पाया पद निर्वाण, तेरी आरति से मिटता है तिमिर अज्ञान।।टेक.।। राजुल को त्यागा प्रभुजी ब्याह ना रचाया। गिरिनार गिरि पर जाकर योग लगाया।। प्राप्त हुआ फिर...