गुरुग्रहारिष्टनिवारक श्री महावीर चालीसा
गुरुग्रहारिष्टनिवारक श्री महावीर चालीसा दोहा वर्धमान सन्मति प्रभो , महावीर अतिवीर | पांच नामयुत वीरप्रभु , को नित नाऊँ शीश || चालीसा महावीर का , पढ़ो भव्य मन लाय | रोग शोक संकट टले , सुख सम्पति मिल जाय || चौपाई जय श्री सन्मति गुणरत्नाकर , त्रिभुवन के तुम ही हो भास्कर ||१|| महावीर अतिशय...