कुण्डलपुर तीर्थ वंदना
कुण्डलपुर तीर्थ वंदना जो भवसमुद्र से तिरवाता, वह तीर्थ कहा जाता जग में। वह द्रव्य तीर्थ औ भावतीर्थ, दो रूप कहा जिन आगम में।। तीर्थंकर के जन्मादिक से, पावन हैं द्रव्यतीर्थ सच में। हर प्राणी की आत्मा परमात्मा भावतीर्थ मानी जग में।।१।। सतयुग में चौबिस तीर्थंकर, जन्में जब इस पृथिवी तल पर। इन्द्राज्ञा से तब...