शुकसम श्रोता!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुकसम श्रोता – Shukasama shrotaa A kind of listener having less grasping capacity as parrot. तोते के सामान श्रोता अर्थात जो दूसरों के समझाने पर कुछ शब्द मात्र ग्रहण कर पाते हैं ” ये माध्यम श्रोता कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुकसम श्रोता – Shukasama shrotaa A kind of listener having less grasping capacity as parrot. तोते के सामान श्रोता अर्थात जो दूसरों के समझाने पर कुछ शब्द मात्र ग्रहण कर पाते हैं ” ये माध्यम श्रोता कहलाते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदनाभिभव –Vedanabhibhava A reason of right perception ( by experiencing about the painful results of some wrong doings). सम्यग्दर्शन होने का एक कारण, यह वेदना अमुक मिथ्यात्व व असंयम का फल है इस प्रकार का चिंतन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचिक – Vaachika.: To pay reverence eulogically (directly or indirectly). उपचार विनय के 3 भेदों में एक भेद ; वचनों अर्थात गुणानुवाद द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष विनय करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूचकप्रदेष – जीव व लोकाकाष के 8 मध्यप्रदेष जो अचल रूप से अवस्थित रहते हैं। Rucakapradesa-Specified 8 region of beings
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव विह्र्ल पूर्ण – Bhava Vivhala Purna. One with full of emotions. भावुकता पूर्ण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचसमवाय – Panchasamavaaya. Five kinds of inherent properties. स्वभाव, निमित्त, नियति, पुरुषार्थ व भवतव्य यें पांच समवाय कहे जाते हैं” एन पाँचों सैमवायों से समवेत ही कार्यव्यवस्था की सिद्धि है, ऐसा प्रायोजन है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युगलविरोधी धर्म – सत्ता – असत्ता, एकत्व – अनेकत्व, भव्य – अभव्य, मूर्त – अमूर्त आदि वस्तुओ के परस्पर विरोधी धर्म Yugalavirodhi Dharma-Mutual opposite characteristics
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीजपद – BijaPada. Essenceful group of words used for infinite knowledge. संक्षिप्त शब्द रचना से सहित अन्तत अर्थो के ज्ञान का हेतु – भूत अनेक चिह्नों सें संयुक्त बिजपद कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यागमण्डल – पंच कल्याणक प्रतिश्ठा में किया जाने वाला एक विषेश पूजा विधान, इसमें प्रतिश्ठा में भाग लेने हेतू अनेक देवी देवताओ का आहवान करके उन्हें यज्ञभाग समर्पित किया जाता है।गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा संस्कृत यागमंडल के आधार से रचित हिन्दी पूजा ग्रंथ। Yagamandala-A special kind of worshipping to be observed in…