चित्रप्रभा!
चित्रप्रभा A Patal (layer) of Saudharma heaven. सौधर्म स्वर्ग का एक पटल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चित्रप्रभा A Patal (layer) of Saudharma heaven. सौधर्म स्वर्ग का एक पटल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग सम्यग्दर्शन – Saraaga Samyagdarshana. Right perception with auspicious attachments. प्रशम, संवेग, अनुकम्पा और आस्तिक्य आदि गुणेां की अभिव्यक्ति लक्षणवाला सराग सम्यग्दर्षन है। प्रश्न (षुभ) राग सहित जीवो का सम्यत्तव सराग सम्यग्दर्शन हैं।
चिंताजननी Name of a jewel ‘Kankini’ of Chakravarti (emperor) used for lightening. चक्रवर्ती के १४ रत्नों में ‘ कंकिणी’ अजीव रत्ना , इससे अन्द्कार दूर किया जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तव भावना – Samyaktva Bhaavanaa. Seven particular right reflection or volitions. संवेग, प्रषम, स्थैर्य, असंमूढ़ता, अस्मय, आस्तिक्य और अनुकम्पा ये 7 सम्यक्तव की भावनाएॅ है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रिभुक्तित्याग – रात्रि भोजन का त्याग करना, इसका पालन करना जैन श्रावक की पहचान है श्रावक की 11 प्रतिमाओं 6 प्रतिमा मन वचन कार्य से रात्रि में चतुर्विध आहार का त्याग करना। इस प्रतिमा का द्वितीय नाम द्विवामैथुन त्याग भी आता है। Ratribhuktityaga- Renunciation of night eating (meal), the sixth spiritual stage of house…
चारित्र क्षायिक Conduct formed due to destruction of delusions. चारित्रमोहनीय के नाश से जो चारित्र प्राप्त हो । ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष स्पर्ष विधान – Sparssana Sparssana Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
तीसिय State of obscurring karmas of right knowledge, right perception etc. जिन कर्मों की तीस कोडाकोडी (सागर) की उत्कृष्ट स्थिति है ऐसे ज्ञानावरण, दर्शनावरण, अन्तराय, वेदनीय को तीसिय कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चौर्य व्यसन To be habitual in theft. चोरी करने की बुरी आदत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पद्र्वक वर्ग शलाका – Sparddhaka Varga Salaakaa. . Number of karmic aggregates in a group.एक स्पर्धक मे जितनी वर्गणाएं हो उनकी संख्या।