शून्य वर्गंणा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्य वर्गंणा – Shunya Varganaa. A type of Karmic aggregates. वर्गणाओं का एक प्रकार “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्य वर्गंणा – Shunya Varganaa. A type of Karmic aggregates. वर्गणाओं का एक प्रकार “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शूद्र वंश – Shudra Vansha. The lineage of Shudras(see-Shudra). भगवान ऋषभदेव द्वारा स्थापित क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र इन तीन वर्णों में एक वर्ण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्यानत्रिक – Styanatrika. A triplet of karmic nature related to sleepiness.स्त्यानगृद्वि, निद्रानिद्रा, प्रचलाप्रचला ये तीन कर्म प्रकृतियाॅ स्त्यानत्रिक कहलाती है।
चाक्षुष Visible, which can be seen by eyes. आँखों से देखने योग्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधितंत्र – Samaadhitantra. Name of a treatise written by Acharya Pujyapad. आचार्य पूज्यपाद (ई.श. 5) कृत अध्यात विषयक 105 संस्कृत श्लोकों मे निबद्व ग्रंथ। अपरनाम समाधिषतक है।
चितिशक्ति Power of consciousness. अजड़त्व अर्थात चेतनत्व स्वरुप चितिशक्ति है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घोष A habitation of herdsmen, Outcry, Roar, Name of a celestial deity. अहीरों की बस्ती , शब्द का एक भेद , भवनवासी देवों के स्तनित कुमार जाति के प्रथम इन्द्र का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समरसी भाव – Samarasee Bhaava. Supreme temperament. घ्येय और घ्याता का एकीकरण समरसीभाव माना गया है। यही एकीकरण समाधिरुप ध्यान है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि – Prthivi. Sand, pebbles & stone, dust etc. inanimates are called as Prithivi. मार्ग में पड़ी धूलि, रत्न,पत्थर, कंकड़ आदि पृथिवि कहलाते हैं , जो अचेतन होते हैं “