उपकरण!
उपकरण Equipments, Apparatus, Instruments, Aids. जिसके द्वारा उपकार किया जाता है उसे उपकरण कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपकरण Equipments, Apparatus, Instruments, Aids. जिसके द्वारा उपकार किया जाता है उसे उपकरण कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांति – Shanti. Peace, Calmness, Pacification, Tranquillity, The 51st planet. माध्यस्थ्य, समता, वैराग्य, प्रशं, शांति ये सब एकार्थ्वाची हैं, 51वें ग्रह का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शल्य – Shalya. Sting; thorn; something that causes pain to body or mind; anger, pride, illusion, greediness, love, lust, longings for next birth (Nidan) & wrong belief are 8 stings in this world. शल्य का अर्थ पीड़ा देने वाली वस्तु है ” अर्थात् शरीर और मन सम्बंधी पीड़ा का कारण, कर्मोदय जनित विकार या…
उपाधि Rank, Alien belonging, Attachment, Requisites. पदवी, संसार से मोह अर्थात साधन के साथ अव्यापक और साध्य के व्यापक हेतु को उपाधि कहा जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपदेश रूचि Right belief generated by a sermon, preaching. उपदेश सम्यक्त्व- तीर्थंकर आदि महापुरूषों के जीवन चरित्र को सुनकर जो सम्यग्दर्शन होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीरसंघात नामकर्म – Shareera Sanghaata Naamkarma. Physique making Karmas causing association of body. जिसके उदय से औदारिक आदि शरीरों की छिद्र रहित होकर परस्पर प्रदेशों में एकरूपता आती है ” यदि शरीर संघात नामकर्म संज्ञा न हो तो तिल के मोदक के सामान शरीर अपुष्ट रहेगा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति मार्ग – Nirvrtti Marga. Path of salvation. त्याग मार्ग,मुनि व त्यागी होने की तरफ चलना (महाव्रतों को धारण करना) “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मानी : == योऽपमानकरणं दोषं, परिहरति नित्यमायुक्त:। सो नाम भवति मानी, न गुणत्यक्तेन मानेन।। —समणसुत्त : ८९ जो दूसरे को अपमानित करने के दोष का सदा सावधानीपूर्वक परिहार करता है, वही यथार्थ में मानी है। गुणशल्य अभिमान करने से कोई मानी नहीं होता।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्ताशक्ति मौद्रा–Muktashakti Vrat. A posture with joined hands placed together and raised to pay reverence. वन्दनामुद्रावत ही खड़े होकर, दोनों कुहनियो को पेट के ऊपर रखकर, दोनों हाथो की उंगलियो को आकार विशेष द्वारा आपस में संलगन करके मुकुलित बनाना”