विशुध्दि!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दि – Vishuddhi. A state of lack of passions. संक्लेश परिणामों की हीनता अथवा साता वेदनीय कर्म के बन्ध में कारणभूत विशुध्द परिणाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दि – Vishuddhi. A state of lack of passions. संक्लेश परिणामों की हीनता अथवा साता वेदनीय कर्म के बन्ध में कारणभूत विशुध्द परिणाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठापन समिति- 5 समितियों में एक समिति; निर्जतुभूमि पर मल मूत्रादि का विसर्जन करना। pratisthapana samiti – carefulness in excertion of faces etc. body wastes (waste disposal)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदोष- ज्ञानावरण दर्षनावरण के आस्त्रव का कारण एक भाव; मन में द्वेश भाव का होना। pradosa – illusive or maliceful mentality
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचन मातृका – 5 समिति और ३ गुप्ती ऑफ़ प्रवचन मातृका कहते है ” Pravacanamatrka- Conduct with carefulness and self control
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदक्षिणा- वन्दना करते समय गुरु, जिन और जिनग्रह की परिक्रमा करना। pradaksina – circumambulation, salutary circling.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमेय उपक्रम- उपक्रम के अर्थाधिकार का एक भेद। Prameya upakrama – a type of upkaram (a type of pursuance or introduction)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यदेव – Satyadeva. Name of the 39th chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 39वें गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाद चर्या- अनर्थदंड का एक भेद। प्रमाद पूर्वक व्यवहार आचरण करना। PramadaCarya- conduct with carelessness
ईर्यासमिति Carefulness in walking. देखें – ईर्यापथशुद्धि यह मुनियों का एक मूलगुण है 5 समितियों में प्रथम समिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण विस्तार- आचार्य धर्मभूशण (ई.श. 14) द्वारा रचित एक ग्रंथ। PramanaVistara- A book written by Acharya Dharmabhushan