रम्या!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रम्या – पूर्व विदेह का एक देष, नन्दीष्वर द्वीप की उत्तर दिषा में स्थित एक वापी। Ramya-name of a country of east videsh (region), name of a vapi (like a lake)in Nandisvardvip (island)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रम्या – पूर्व विदेह का एक देष, नन्दीष्वर द्वीप की उत्तर दिषा में स्थित एक वापी। Ramya-name of a country of east videsh (region), name of a vapi (like a lake)in Nandisvardvip (island)
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यश:नामकर्म प्रकृति–Yashah Naamkarm Prakrati. A type of Karmic nature causing fame or good name. जिस नामकर्म के उदय से जीव के पवित्र गुणों की ख्याति या प्रसिद्धि होती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल अस्तिकाय – Pudgala Astikaya. One of the five Astikayas. पांच अस्तिकायों में एक; इसमें एक प्रदेश वाले अणु को भी प्रदेश प्रचय की शक्तिरूप स्वभाव के कारण अस्तिकाय कहा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथरेणु – छेत्र का मापक प्रमाण। 8 त्रस रेणु=एक रथरेणु। Ratharenu-A measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामदेव – Vaamadeva.: Name of a Bhattarak of Moolsangh of saints after Lord Mahaveera. मूलसंघी भट्टारक ,प्रतिष्ठा आदि विधानों के ज्ञाता ” कृतियां – भावसंग्रह, त्रैलोक्यप्रदीप, त्रिलोकसार पूजा, तत्त्वार्थसार आदि ” समय – वि.श. 14-15 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्य आस्त्रव – Punya Asrava. Influx of meritorious & auspicious Karmic results. पुण्यकर्म आने योग्य भाव; मन वचन काय की शुभ क्रिया “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा बल – Bhasha Bala. Power of speech. १० प्राणों में एक प्राण, वचन बल “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वादिराज – Vaadiraaj.: Name of a great Acharya, the writer of ‘Ekibhava Stotra’. एक आचार्य जिन्होंने एकीभाव स्तोत्र की रचना कर अपने कुष्ठ रोग को दूर किया “इनकी अन्य रचनाएं पार्श्वनाथ चरित्र ,यशोधर चरित्र ,न्याय विनिश्चय विवरण आदि हैं (समय –ई.स. 1010 – 1065) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचेन्द्रिय जीव – Panchendriya Jeeva. Five sensed Tiryanch beings (animals etc.). मनुष्यादि जीव जिनके स्पर्शन रसना, घ्राण, चक्षु और श्रोत्र इन्द्रियां पाई जाती है” इनके दो भेद है- मनसहित-संज्ञी, मनरहित- असंज्ञी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यषोधचरित्र – वादिराज द्वि ई 1010 – 1065 कृत, कवि पùनाथ ई 1405 – 1425 कृत, सकलकीर्ति ई 1406 – 1442 आदि विद्वानो द्वारा इस विशय के कइ ग्रन्थ रचे गए है। Yasodharacaritra-A character portrayal by many writers