आचाम्ल(आहार)!
आचाम्ल(आहार) Light food viz.rice & rice water (scum) etc. काँजी सहित केवल भात के आहार को जिसे क्षपक अधिकतर लगातार उपवास में ही लेता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आचाम्ल(आहार) Light food viz.rice & rice water (scum) etc. काँजी सहित केवल भात के आहार को जिसे क्षपक अधिकतर लगातार उपवास में ही लेता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धारणावरणी कर्म Karmas obscuring the retentive power of knowledge. एक प्रकार का कर्म जो धारणा शक्ति पर आवरण डालता है तथा इसके तीव्र क्षयोपशम से कोष्ठबुद्धिनामक ऋद्धि भी प्रकट होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
इषुगति Straight motion, Bow – like motion . सरल अर्थात् धनुष से छूटे हुए बाण के समान मोड़ रहित गति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्यक्त दोष A fault of food taking. मुनियों के आहार का एक दोष झूठा भोजन छोडना या खाते पीते समय भोजन को नीचे गिराना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रद्धानांश – Shraddhaanaansha. An element of right knowledge or belief. मिश्र गुणस्थान में जो श्रद्धा का अंश है वह सम्यत्तवका अवयव है “
धर्मस्वाख्यात तत्व Truth proclaimed by religion. यर्थात धर्म का निजत्वरूप। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शोका – Shokaa. Name of the main city of Kumud Kshetra (region) of Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र का कुमुदा क्षेत्र की मुख्य नगरी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशम- क्रोधादि कशाय की मंदता; यह सम्यग्दृशिट का एक बाहरी चिन्ह (गुण) है। Prasama- Spiritual calmness
धर्मरथ Name of a great saint. मुनिः जिनके पास रावण ने प्रतिज्ञा ली थी कि जो परस्त्री मुझे न चाहेगी उसके साथ बलात्कार न करूंगा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चन्द्रसागर(मुनि) Name of a Digambar Jain saint, the disciple of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar ji Maharaj. चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के प्रमुख ७ मुनि शिष्यों में से एक. ये राजस्थान , इंदौर तथा मध्यप्रदेश में सिंहवृत्ति का पालन करने वाले एक कट्टर अगम परम्परा पोषक आचार्यकलाप क एरूप मने प्रसोद्ध हुए ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]