इतरेतराभाव!
इतरेतराभाव Mutual/reciprocal state of non-existence, Respective absence. अन्योन्याभाव-पुद्गल द्रव्य की एक वर्तमान पर्याय में दूसरे पुद्गल की वर्तमान पर्याय का अभाव होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इतरेतराभाव Mutual/reciprocal state of non-existence, Respective absence. अन्योन्याभाव-पुद्गल द्रव्य की एक वर्तमान पर्याय में दूसरे पुद्गल की वर्तमान पर्याय का अभाव होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मभूत Integral virtue, self natured, indigenous quality. लक्षण- जो लक्षण वस्तु के स्वरूप में मिला हो उससे मित्र न हो सके, जैसे जीव का लक्षण चेतना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्थितनिविष्ट A type of meditative relaxation (with wrong conceptions). कायोत्सर्ग का एक भेद ध्यान में खड़े हुए भी आत्र्त-रौद्र (खोटे) विचारों का चिंतवन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्य लक्षण संबंध – संबंध का एक भेद। धर्म धर्मी में संबंध। Laksya Laksana Sambamdha-A relative factor
इंद्रिय प्रत्यक्ष Emperical sense intuition based on observation and experience. सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष जो इन्द्रिय और मन की सहायता से पदार्थ को एकदेश स्पष्ट जानता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवप्रत्ययिक – Bhavapratyayika. Inherent clairvoyance – a type of clairvoyance (Avadhigyan). अवधिज्ञान के दो भेदों में प्रथम भेद; इसके होने में मुख्य रूप से भव निमित्त होता है , देव – नारकी जीवों को यह ज्ञान जन्म से ही होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संबंधाहार (सचित्त) – Sambandhaahaara (Sachitta). A kind of food; as cooked hot vegetable mixed with the raw one etc. It is non-edible according to Jaina philosophy. सचित्त से चेतना द्रव्य लिया जाता है ” इससे सम्बंध को प्राप्त हुआ द्रव्य सचित्त सम्बंधाहार है ” व्रतियों के लिए ऐसा आहार त्याज्य है “
आपृच्छना Obtaining permission, Asking. आतापनादि योग के ग्रहण में, आहारादि की इच्छाएं तथा अन्य ग्रामादि को जाने में नमस्कार पूर्वक पूछकर गुरु आदि के अनुसार करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघिना ऋद्धि – विक्रिया ऋशि का एक भेद, जिस ऋशि के प्रभाव से साधु अपने षरीर को वायु से भी हल्का बनाने मेे समर्थ थे। Laghima Rdhhi-A type of super natural power pertaining to turning body lighter than air
त्रिमुख Ruling demigod of Lord Sambhavnath. संभवनाथ भगवान का शासन यक्ष। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]