राजसेना!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजसेना – राजा की सेना इसकी 18 श्रेणिया होती है। Rajasena- The army of a king
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजसेना – राजा की सेना इसकी 18 श्रेणिया होती है। Rajasena- The army of a king
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचननिर्विष ऋद्धि – Vachananirvisha Riddhi. A type of super natural power causing something poisonous into poisonless. ऋद्धि का एक भेद ; जिसके प्रभाव से रोग और विष से युक्त जीव या भोजन भी ऋषि – वचन द्वारा निर्विष हो जातें है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्तप्रत्याख्यान – Bhaktapratyakhyana. Abandonment of food gradually for an auspl-cious & holy death. समाधिमरण; जिसमें शास्त्रोक्त विधि से क्रमशः आहार का त्याग किया जाता है इसका जघन्य काल अन्तंर्महूर्त एंव उत्क्रष्टकाल १२ वर्ष है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजसूय – चक्रवर्ती सागर के समय मे प्रचलित राजाओं के द्धारा किया जाने वाला एक अनार्थ यज्ञ। महाकाल असुर के द्वारा हिंसा की प्रेरणा देने के लिए ये चलाया गया था। Rajasuya-Name of a violenceful yagya (sacrificial fire) prevalent at the time of Chakravarti sagar
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्कज –Vakkaja : A kind of cloths made by bark etc . वस्त्र के 5 भेदों में से एक ;वृक्ष या बेल आदि की छाल से उत्पन्न वस्त्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमर्श – Vimarsha. Consideration, Discussion, Consultation. सोच – विचार, विचार विनिमय करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्ध्यप्र्याप्तक – अपर्याप्तक नाम कर्म के उदय से जो जीव अपने योग्य पर्याप्तियों को पूर्ण किए बिना ही ष्वास के 18 वें भाग में मरण को प्राप्त हो जाता है अर्थात जिसके एक भी पर्याप्ति पूर्ण नही होती उसे लब्ध्यप्र्याप्तक कहते हैैं। Labdhyaparyaptaka-Absolutely, non development beings (Having very short life)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वंचन –Vanchan.: Name of a Patal(layer) of Saudharm Ishan heaven . सौधर्म ईशान स्वर्ग के 31 स्वर्ण पटलों में 11वां पटल इसका अपर नाम चंचत और चंचल भी है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषिद्धिका – Nishiddhikaa. A type of striptural knowledge (Shrutgyan). श्रुतज्ञान में अंगबाह्य का 14 वां विकल्प ” इनमें बहुत प्रकार के प्रायश्चित का वर्णन किया गया है “
उद्धारदेव Name of the 10th Tirthankar (Jaina-Lord) of past time. भूतकालीन चैबीसी के आठवें तीर्थंकर (उद्धारनाथ)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]