प्रमाण (आगम)!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण (आगम)- शास्त्र आदि में लिखे हुए जिनवचन। सर्वज्ञ-आर्श प्रणीत वचन या आचार्य परम्परा से प्राप्त उपदेष ही आगम प्रमाण है। Pramana (Agama)- Whole Jaina literature (preaching of Acharyas)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण (आगम)- शास्त्र आदि में लिखे हुए जिनवचन। सर्वज्ञ-आर्श प्रणीत वचन या आचार्य परम्परा से प्राप्त उपदेष ही आगम प्रमाण है। Pramana (Agama)- Whole Jaina literature (preaching of Acharyas)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसगारव – छ रस सहित भोजन मिलने का अभिमान। Rasagarava- pride of having tasty food
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभासद्वीप- लवणेद व कालोद सागर में स्थित द्वीप। Prabhasadvipa- An island situated in LAvanod and Kalod oceans
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यास-जां समीप में रहा जाता है वह प्रत्यास कहा जाता है। pratyasa – the nearest place
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रिश्टसमुच्चय – आचार्य दुर्गदेव कृत मन्त्र तन्त्र विशयक एक संस्कृत गं्रथ का नाम। समय 11 षताब्दी Ristasamuccaya-name of a book related to mystical theme
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रामाण्य- प्रामाणिकता; प्रमाण का कर्म प्रमाण्य कहलाता है वह पदार्थ के निष्चय करने रुप लक्षण वाला होता है। Pramanya- Authenticity, authority
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नमाली – विद्याधर वंष का एक राजा Ratnamali- Name of a king of Vidyadhar Dynasty
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राभृत- जो प्रकृश्ट अर्थात् तीर्थकर के द्वारा आमृत अर्थात् प्रस्थापित किया गया है वह प्राभृत है। समय प्राभृत या षट् प्राभृत आदि नाम के ग्रंथ। श्रुतज्ञान के 20 भेदों में 15 वाँ भेद; यह ज्ञान प्राभृत-प्राभृत समास में एक अक्षररुप श्रुतज्ञान की वृद्धि होने से होता है। Prabhrta- A type of Scriptural Knowledge (shrutgyan)