चन्द्रचूल!
चन्द्रचूल A chief disciple of Lord Rishabhdeva. भगवान ऋषभदेव के ८४ गणधरों में एक गणधर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चन्द्रचूल A chief disciple of Lord Rishabhdeva. भगवान ऋषभदेव के ८४ गणधरों में एक गणधर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्य गौण व्यवस्था–Mukhya Gauna Vyavastha. Something intended and non–intended. स्याद्वाद शैलीअथवा प्रक्रिया; दो धर्म में जो प्रधान होता है वेह मुख्य कहलाता है और जो अप्रधान होता है वेह गौण कहलाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष अंतर विधान – Sparssa Amtara Vidhaana. A type of anuyogdwar (disquisition door).अनुयोगद्वार के 8 भेदो मे ‘स्पर्शन’ अनुयोगद्वार के 16 उपभेदो मे एक भेदं।
गृहकूटक Name of a dominion (Varsha Ritu Nivas) of Chakravarti (emperor). चक्रवर्ती की एक विभूति ‘वर्षा ऋतु निवास’ का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्तयंश –Vrttyainsa Momentariness of any matter. पर्याय; पर्यायों का क्षणिकत्व होना या द्रव्य में जो अंश कल्पना की जाती हैं वह पर्याय हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल व्रत – Sthuula Vrata. To desist from killing, telling lie, stealing etc. (a vow).अणुव्रत। अर्थात् लोक प्रसिद्व हिंसादि को स्थूल कहते है, उनका त्याग ही स्थूल व्रत है।
गुणभूषण Name of a poet, the writer of ‘Shravkachar’. कवि;भाव्यजन चित्तवल्लभ , श्रावकाचार आदि के कर्ता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == कवि : == परेषां दूषणाज्जातु न बिभेति कवीश्वरा:। किमुलूकभयाद् धुन्वन् ध्वान्तं नोदेति भानुमान्।। —आदिपुराण : १-७५ दूसरों के भय से कविजन (विद्वान) कभी डरते नहीं हैं। क्या उल्लुओं के भय से सूर्य अंधकार का नाश करना छोड़ देता है ?
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति सत्त्व स्थान – Sthiti Sattva sthaana. Existing places of karmic states.अविचल, कर्मों की स्थिति के सत्ता रुप विविध स्थान।
गीतवीतराग Name of a book. ऋषभदेव भगवान के १० जन्म पर लिखित एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]