बाला (देवी)!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बाला (देवी) – गजदंत कूट, पहद एवं वैमानिक इन्द्रों की देवी का नाम। Bala (Devi)- Name of female deities of Gajadant summit, of padma lake & of spatial Indras
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बाला (देवी) – गजदंत कूट, पहद एवं वैमानिक इन्द्रों की देवी का नाम। Bala (Devi)- Name of female deities of Gajadant summit, of padma lake & of spatial Indras
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलमद- 8 मदों में एक मद; मैं सहस्त्रभट, लक्षभट, कोटिभट हूँ इस तरह का अहंकार होना। Balamada- pride of possessing strength
उदासीन कारण Reasons of passiveness and neutrality. ऐसे कारण जो प्रेरक न हो जैसे धर्म अधर्म आदि द्रव्य जीव पुद्गल की क्रिया में उदासीन कारण हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बप्पदेव- आचार्य शुभनन्दि के शिाय जिन्दोंने षट्खण्डागम के प्रथम पाँच खण्डों पर व्याख्या प्रज्ञप्ति तथा कवाय पाहुड़ पर उच्चारणा नामक टीका लिखी। इस टीका के दर्शन करके श्री वीरसेन आचार्य ने धवला नामक टीका रची। समय- ई.श. 1। Bappadeva- An acharya who wrote many famous commentary
देशविरत Partial vow, Partial abstinence. पांचवां गुणस्थान , यहां श्रावक की 11 प्रतिमाओं का पालन होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आत्मव्यवहार Conception of self consciousness. मात्र अविचलित चेतना ही मैं हूँ ऐसा मानना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपपरावर्तन विघा – रूप परिवर्तन करने में समर्थ विद्या। Rupaparavartana Vidya-A type of supernatural power of changing body
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्षाणु – रूक्ष गुण वाला अणु। इसका दो अधिक गुण वाले विपरीत अणुओं के साथ बंध होता है। Ruksanu-Particles with having property of roughness
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संग्रहनय – Sangrahanaya. A standpoint related to collection of matters. अभेद रूप से अर्थात् अपनी जाति का विरोध न करके जो समस्त वस्तुओं को संग्रह करके कथन करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलेन्द्रिय – Sakalendriya. All five sensed beings. पंचेन्द्रिय जीव सकलेन्द्रिय कहलाता है अर्थात् जिसके पांचो इन्द्रिय है “