दर्शन विशुद्धि व्रत!
दर्शन विशुद्धि व्रत A Jaina vow (fasting) with particular procedure. औपशमिकादि तीनों सम्यत्तवों के आठ अंगों की अपेक्षा 24 अंग के एक उपवास एक पारणा के क्रम से 24 उपवास करना एंव णमोकार मंत्र का जाप करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन विशुद्धि व्रत A Jaina vow (fasting) with particular procedure. औपशमिकादि तीनों सम्यत्तवों के आठ अंगों की अपेक्षा 24 अंग के एक उपवास एक पारणा के क्रम से 24 उपवास करना एंव णमोकार मंत्र का जाप करना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वासोच्छ्वास – Shvaasocchvaasa. Breathing (exhaling & inhaling air). प्राणापान ” जो पवन भीतर से बाहर आती है वह उच्छ्वास या प्राण है व जो बाहर की वायु भीतर ली जाये वह श्वास या अपान है “
उत्सर्पिणी A large period of time, progressive half cycle, ascending cycle of time. जिस काल में जीवों की आयु बल ऊँचाई आदि का उत्तरोत्तर विकास होता है।इसके 6 भेद हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्युज्जिव्ह – Vidyujjivha. One of the (the 34th ) 88 planets. ज्योतिष्क के ८८ ग्रहों में ३४वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेणी – Shrenee. Series, Class, Division. पंक्ति, क्रम, इस शब्द का प्रयोग अनेक प्रकरणों में आता है, जैसे आकाश प्रदेशो की श्रेणी, राजसेना की 18 श्रेणियाँ, स्वर्गो के श्रेणीबद्ध विमान, शुक्लध्यानगत साधू की उपशम व क्षपक श्रेणी आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजविघा – राज्य संचालन की विद्या, यह धर्म अर्थ और काम ये तीनो पुरूशार्थो को सिद्ध करने वाली होती है। Rajavidya-talent of governance of a kingdom
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोहित कुड – हैमवत क्षेत्र में स्थित एक कुण्ड जिसमें से रोहित नदी निकलती है। Rohita Kumda-Name of a large pool of haimvati kshetra (region)
आभिनिवेशक मिथ्यादर्शन Intuitional perversity (wrong faith). अगृहीत मिथ्यात्व परोपदेश बिना शुद्ध जीवादि पदार्थों के विषय में विपरीत श्रद्धान होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]