योग्य क्षेत्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योग्य क्षेत्र – पर्वत, गुहा, वृक्ष की कोटर , नदी का तट, नदी का पुल आदि समस्त ध्यान के योग्य स्थान। Yogya Ksetra-Suitable area or space for meditation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योग्य क्षेत्र – पर्वत, गुहा, वृक्ष की कोटर , नदी का तट, नदी का पुल आदि समस्त ध्यान के योग्य स्थान। Yogya Ksetra-Suitable area or space for meditation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षष्ठ भक्त – Sastha Bhakta. A particular & procedural vow (fasting) to be observed for two days. दो उपवास की चार भुक्ति एवं एक दिन पूर्व व एक दिन बाद की एक-एक भुक्तियाँ, इस प्रकार कुल 6 भुक्तियों का त्याग षष्ठ भक्त कहलाता है, इसी को षष्ठ बेला भी कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंध योग्य प्रकृति- 8 कर्मो की 120 कर्म प्रकृतियां बंध योग्य कहलाती है। Bandha Yogya Prakrti- Karmic nature causing binding
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यौवराज्य क्रिया – गर्भान्वय की 53 क्रियाओ में एक क्रिया, इसमें युवराज को अभिशेक राजपटट् वाधा जाता है। Yauvarajya Kriya-An auspicious activity of enthronement
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षडनायतन – Sadanaayatana. See – Sat Anaayatana. देखें – षट् अनायतन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नकरंडश्रावकचार – आचार्य समन्तभद्र ं(इ्र, ष, 2) कृत एक संस्कृत ग्रंथ Ratnakaramdasravakacara-Name of a treatise written by Acharya Samantbhadra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षट् कर्म – Sat Karma. Six occupations for livelihood instructed by Lord Rishabhadev. भगवान ऋषभदेव द्वारा प्रजा की आजीविका के लिए बताये गये 6 कार्य; असि,मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघंकरी– Meghankari. The female divinity of Nanadankut (a summit) of Nandan forest. नन्दनवन के नन्दंकुट कीस्वामिनी एक दिक्कुमारी देवी”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्वेतवर्ण – Shvetavarna. White colour, as a sign of meritoriousness. एक लौकिक मंगल, यह अरहंत भगवान के शुक्लध्यान, शुक्ल लेश्या का प्रतीक होने से मंगल कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधक-कर्मो का बंध करने वाला, ऋण के बदले रखी जाने वाली वस्तु। Bandhaka- one related to the binding of karmas, a surety or guarantee