पंद्रह!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंद्रह : Fifteen, देखें-पंचदश
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीची –Vichi. A wave, a wave of pleasure. वीची वाग्लहरी को कहते हैं, लहर, प्रसन्नता “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यश:नामकर्म प्रकृति–Yashah Naamkarm Prakrati. A type of Karmic nature causing fame or good name. जिस नामकर्म के उदय से जीव के पवित्र गुणों की ख्याति या प्रसिद्धि होती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल अस्तिकाय – Pudgala Astikaya. One of the five Astikayas. पांच अस्तिकायों में एक; इसमें एक प्रदेश वाले अणु को भी प्रदेश प्रचय की शक्तिरूप स्वभाव के कारण अस्तिकाय कहा है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याधर वंश – Vidyadhara Vansha. One of the ancient mythological dynasties of which the first king was Nami. पौराणिक ४ म्हावंशों में तीसरा वंश, विद्याधर नमी इस वंश का प्रथम राजा था ” (धरणेन्द्र द्वारा प्राप्त विद्याओं के कारण यह विद्याधर कहलाये ) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामदेव – Vaamadeva.: Name of a Bhattarak of Moolsangh of saints after Lord Mahaveera. मूलसंघी भट्टारक ,प्रतिष्ठा आदि विधानों के ज्ञाता ” कृतियां – भावसंग्रह, त्रैलोक्यप्रदीप, त्रिलोकसार पूजा, तत्त्वार्थसार आदि ” समय – वि.श. 14-15 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्य आस्त्रव – Punya Asrava. Influx of meritorious & auspicious Karmic results. पुण्यकर्म आने योग्य भाव; मन वचन काय की शुभ क्रिया “
त्रिखंडाधिपति Three Mlechchhakhand divisions. भरत-ऐरावत आदि क्षेत्रों के तीन खंडों के अधिपति राजा, प्रतिनारायण ये तीन खंडो के अधिपति होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्यान – Vidhana. Arrangement, Particular procedural worshipping in Jainism, Ruling. किसी कार्य का आयोजन, अनुष्ठान, पूजा, कानून “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वादिराज – Vaadiraaj.: Name of a great Acharya, the writer of ‘Ekibhava Stotra’. एक आचार्य जिन्होंने एकीभाव स्तोत्र की रचना कर अपने कुष्ठ रोग को दूर किया “इनकी अन्य रचनाएं पार्श्वनाथ चरित्र ,यशोधर चरित्र ,न्याय विनिश्चय विवरण आदि हैं (समय –ई.स. 1010 – 1065) “