प्रकृति सत्त्व!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति सत्त्व – Prakrti Sattva. Attachment of karmas with soul. अपनी स्थिति के अनुसार कर्म प्रक्रति के कर्म प्रदेशों का आत्मा प्रदेशों के साथ संलग्न रहना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति सत्त्व – Prakrti Sattva. Attachment of karmas with soul. अपनी स्थिति के अनुसार कर्म प्रक्रति के कर्म प्रदेशों का आत्मा प्रदेशों के साथ संलग्न रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्त्री त्याग:Abstention from adultery.स्वदार संतोष व्रत, परस्त्री सेवन का त्याग करना ।
दर्शन मोह क्षपक Destroyer of right faith deluding Karmas. दर्शन मोहनीय कर्म को नष्ट करने वाला क्षायिक स्म्यग्दृष्टि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथपुर – विजयार्घ की दक्षिण श्रेणी के नगरों के नाम। Rathapura-Name of cities situated in southern Vijayvardha Mountain
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर सल्लेखना – Shareera Sallekhanaa. Holly destruction of the body by reducing food taking etc. (an austerity). बाह्य सल्लेखना या कायक्लेश रूप अनुष्ठान करना अर्थात् भोजन आदि त्याग करके शरीर को कृश करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर समय:False belief of involvement in materialism (i.e. other than soul).जीव का परद्रव्यरत रहना, आत्मा को छोडकर पर द्रव्य को निज रूप मानना । जैन धर्म से बहिर्भूत सभी शास्त्र आदि परसमय कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्तिर्चितामणि सत्व – आचार्य सोमदेव कृत एक न्याय विशयक गरंथ। Yukticimtamani sattva-name of a book written by acharya somdev
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युगादि पुरूष – कुलकर, युग के आदि में होने से इन्हेही युगादि पुरूश कहते है ये मुख्यत 14 होते है। Yugadi Purusa-The great personalities (Kulkars) in the beginning of the era
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शय्या परिषह – Shayyaa Parishaha. A kind of affliction relted to sleeping with hardness. 22 परिषहों में एक परिषह; ध्यान अध्ययन अथवा मार्ग के श्रम से थककर साधू द्वारा कठोर भूमि पर एक करवट बिना कुछ ओढ़े अल्प निद्रा लेना और बाधा को समतापूर्वक सहन करना “