एकदशांगधारी!
एकदशांगधारी Acharyas possessing knowledge of 11 Angas (scriptural knowledge). 11 अंगधारी 5 आचार्य- नक्षत्र, यशःपाल, पाण्डु, ध्रुवसेन और कंस।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकदशांगधारी Acharyas possessing knowledge of 11 Angas (scriptural knowledge). 11 अंगधारी 5 आचार्य- नक्षत्र, यशःपाल, पाण्डु, ध्रुवसेन और कंस।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्यासागर – Vidyashagara. Name of a great Digambar Jain Acharya of 20th century. चारित्रचक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के द्वितीय पट्टाधीश आचार्य श्री शिवसागर महाराज के शिष्य मुनि श्री ज्ञानसागर महाराज (जो बाद में समाज द्वारा आचार्य बनाये गये) द्वारा दीक्षित बीसवीं सदी के एक प्रभावक आचार्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचा वसति संस्तर विवेक – Vaachaa Vasati Sanstara Vivek.: Discrimination related to hermitage or place (abandonment of hermitage & resting means) विवेक का एक भेद, मैं इस वसति व संस्तर का त्याग करता हूं , ऐसे वचन बोलना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचस्तूपसंघ – Panchstoopasangha. Name of the group of Acharya Veersen. प्रसिद्धधवलाकार आचार्य श्री वीरसेन (ई. 770-827) स्वामी का संघ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचक –Vachaka.: One well versed in 12 Angas (Shrutgyan-scriptural knowledge),Speaker,Important words. 12 अंग का ज्ञाता वाचक कहलाता है, बोलने वाला (वक्ता ) अथवा महत्वपूर्ण शब्द “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशिर – Panchashira. Ruling deity Nagendradev of Vajraprabh summit situated at Kundal mountain. कुंडल पर्वत पर स्थित वज्रप्रभकूट का स्वामी नागेन्द्रदेव “
देशकाल Something related to the place and time. क्षेत्र एवं अवसर या समय के अनुसार कुछ विशेष होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यति सम्मेलन– Yati Sammelan. Conference of saints. दिगम्बर जैन सभी साधुओ (चतुर्विधसंघो) का एक जगह एकत्रित होना, मिलना” प्रति पाँच वर्ष में युगप्रतिक्रमण के नाम से संघों के मिलने का आगम प्रमाण मिलता है” श्रीधरसेनाचार्य ए समय वेणाक नदी के तट पर ऐसा यतिसम्मेलन हुआ था जहा से दो मुनि शिष्यों को उन्होंने…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमी व्रत – Panchami vrata. A particular type of vow (fasting). पांच वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद शु.5 को उपवास करना ” इसे आकाशपंचमीव्रत भी कहते हैं “