रत्नत्रयव्रत!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयव्रत – वर्श में 3 बार, भादो, माध चैत्र में विघिपूर्वक षु, 13 से पूर्णिमा तक किया जाने वाला व्रत। Ratnatrayavrata- A particular type of vow or fasting
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयव्रत – वर्श में 3 बार, भादो, माध चैत्र में विघिपूर्वक षु, 13 से पूर्णिमा तक किया जाने वाला व्रत। Ratnatrayavrata- A particular type of vow or fasting
शिल्पकर्म – Shipakarma. Handicraft, Architecture, Having to do with craft. भगवान ऋषभदेव द्वारा बताये गए षट कर्मों में एक; हस्त कौशल से जीविकोपार्जन करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्ति (नवधा) – Bhakti (Navadha). A procedural food offering to Jaina saints (see-Navadha Bhakti), A virtue of food –doner. विधि से अर्थात दाता के सात गुण सहित क्रिया के द्वारा नवधा भक्तिपूर्वक दिगम्बर जैन साधुओं को आहार देना (देखें –नवधा भक्ति) ” आहारदाता के ७ गुणों में एक गुण; पात्र के प्रति…
ईश्वरसेन Name of an Acharya. नंदिषेण प्रथम के शिष्य एंव नंदिषेण द्वितीय के गुरु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचननिर्विष ऋद्धि – Vachananirvisha Riddhi. A type of super natural power causing something poisonous into poisonless. ऋद्धि का एक भेद ; जिसके प्रभाव से रोग और विष से युक्त जीव या भोजन भी ऋषि – वचन द्वारा निर्विष हो जातें है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भक्तप्रत्याख्यान – Bhaktapratyakhyana. Abandonment of food gradually for an auspl-cious & holy death. समाधिमरण; जिसमें शास्त्रोक्त विधि से क्रमशः आहार का त्याग किया जाता है इसका जघन्य काल अन्तंर्महूर्त एंव उत्क्रष्टकाल १२ वर्ष है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युतसिद्ध – दण्ड और दण्डी की भाति जिसमे प्रदेष भिन्नता पायी जाती है। Yutasiddha-combined but having different entities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वक्कज –Vakkaja : A kind of cloths made by bark etc . वस्त्र के 5 भेदों में से एक ;वृक्ष या बेल आदि की छाल से उत्पन्न वस्त्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमर्श – Vimarsha. Consideration, Discussion, Consultation. सोच – विचार, विचार विनिमय करना “