आनपान पयाप्ति!
आनपान पयाप्ति Respiratory completion. नोकर्म वर्गणाओं के कुछ स्कंधों को श्वासोच्छ्वास रूप परिणामने की जीव की शक्ति की पूर्णता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आनपान पयाप्ति Respiratory completion. नोकर्म वर्गणाओं के कुछ स्कंधों को श्वासोच्छ्वास रूप परिणामने की जीव की शक्ति की पूर्णता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्व प्रकाषक – Sva prakaasaka. Self revealing knowledge.ज्ञान। निष्चय नय से ज्ञान स्वप्रकाषक है।
उत्तर व्रत Subsidiary vows (secondary). श्रावक के मूलगुण 8 होते हैं अहिंसादि 12 व्रत उत्तर व्रत हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जिनालय वंदना Paying reverence to natural and man made temples (place of pilgrimages). अकृत्रिम-कृत्रिम चैत्यालयों की वंदना करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वनिंदा – Svanimmdaa. Self-criticism.आत्म निंदा। उच्च गोत्र के आस्रव का एक कारण।
जयचंद छाबड़ा A great personality who wrote commentaries on many books like ‘Prameyratnamala’ etc. एक विद वान जिन्होंने सर्वार्थसिद्धि (वि. १८६१) , प्रमेयरत्नमाला (वि. १८६३) , द्रव्य संग्रह (वि. १८६३) आदि ग्रंथों पर वचनिकाएं लिखीं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वच्छंद श्रोता – Svacchammda Ssrotaa. Unworthy or restraintless listeners.कुपात्र श्रोता। स्वच्छंद श्रोताओ को विधा देना संसार और भय को ही बढ़ाने वाला है।
उत्कृष्टयुक्तानंत An uncountable number. जघन्य अनंतानंत की संख्या से एक कम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेहेसरचरीउ–Mehesrachriu. Name of a book. सुलोचनाचारित्र विषयक अपभ्रंश भाषा का एक ग्रंथ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्वादसिद्वि – Syaadvaadasiddhi. Name of a treatise written by Acharya Vadibhisingh. आचार्य वादीभसिह (ई0 1103) द्वारा रचित संस्कृत भाषाबद्व न्याय विषयक ग्रन्थ।