इंद्राग्नि!
इंद्राग्नि A presiding deity of a lunar ‘Vishakha’. विशाखा नक्षत्र के अधिपति देवता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्राग्नि A presiding deity of a lunar ‘Vishakha’. विशाखा नक्षत्र के अधिपति देवता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हतहत समुत्पत्तिक – Hatahata Samutpattika. The karmic places originated after the redestruction of relative destructed karmas. धाते हुए का पुनः धात किये जाने पर जिन सत्कर्म अर्थात् सत्ता मे विधमान कर्म की उत्पत्ति होती है उन्हे हतहत समुत्पत्तिक कहते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परपीड़ा कथा:Talk,painful to others.पर को पीडा पहुॅचाने वाली कथा ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वेदज – Svedaja. Beings born by sweat. पसीने से उत्पन्न होने वाले सम्मूर्छन जीव।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक क्रिया – Svaabhaavika Kriyaa. Natural activities of matter. स्वतः अनादिसिद्व सत् द्रव्य मे परिणमनशीलता के कारण होने वाले दो क्रियाओ मे एक क्रिया। शुद्व या बंध रहित जीव व पुद्गल द्र्रव्य की किं्रया स्वाभाविक क्रिया है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतशोक –Vitashoka. Sorrowless state, Name of the 68th planet, the 26th city of northern vijayardhmountain . शोक रहित अवस्था, ८८ ग्रहों में ६८ वां ग्रह, विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का २८ वां नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साक्षात् प्रत्यक्ष हेतु – Sakshaat Pratyaksha Hetu. A direct cause causing immediate result as the evolution of knowledge with destruction if ignorance. प्रत्यक्ष हेतु के दो भेदो मे एक भेद। अज्ञान का विनाष ज्ञानरुपी दिवाकर की उत्पत्ति, देव मनुष्यादिको के द्वारा निरन्तर की जाने वाली विविध प्रकार की अभ्यर्थना और प्रत्येक समय होने वाली…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवनपुर – Bhavanapura. A type of residential places of deities. द्वीप व समुद्रों के ऊपर स्थित भवनवासी देवों के निवास स्थान “