द्रव्य संवर!
द्रव्य संवर Stoppage of karmic influx. संयम – तप आदि के द्वारा कर्मास्रव का निरोध करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य संवर Stoppage of karmic influx. संयम – तप आदि के द्वारा कर्मास्रव का निरोध करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमतिसागर (आचार्य) – Sumatisaagara (Aachaarya). Name of Digambar Acharya of 20th Century of the tradition of Aacharya Shantisagar (Chhani). आचार्य श्री शांतिसागर जी छाणी (राज0) की परम्परा में हुए एक आचार्य (समय ई0 20 वीं शताब्दी) ।ये तेरह पंथ आम्नाय के कट्टर समर्थक हुए है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारलौकिक भय – Parlaukika Bhaya. Fear regarding the next birth (fear of next world). ७ भयों में एक भय; मेरा दुर्गति में जन्म न हो इत्यादी प्रकार से ह्रदय का आकुलित होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य – Brahmacarya. Celibacy, a vow. मन, वचन व काय से स्त्री सेवन आदि अब्रह्म का त्याग करना , ५ महाव्रतों में एक व्रत , श्रावक की ७ वीं प्रतिमा, १० लक्षण धर्म का १० वां धर्म; मैथून या कामसेवन का त्याग करना एंव आत्मा में लीन होना ब्रह्मचर्य है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लेश्या – Leshya.: Karmic stain , Aura , colouration. कषाय से अनुरंजित जीव की मन वचन काय की या जो आत्मा को शुभाशुभ कर्मों से लिप्त करे ” कृष्ण , नील , कपोत , पीत ,पद्य , शुक्ल इसके ये 6 भेद है “
द्रव्य योग Vibration in soul-points owing to physical activities (related to mind, speech & body). मन वचन काय की क्रिया से जीव के प्रदेशों का चंचल या सकम्प होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाप आस्त्रव – Papa Asrava. Influx of sinful Karmas. पाप कर्मो के आने के कारणभाव- कलुषता, विषयों के प्रति लोलुपता, पर को परिताप करना आदि”
द्रव्य पल्य A time unit related to Jaina philosophy. एक योजन लम्बें, चैड़े तथा गहरे गर्त को तत्काल उत्पन्न भेड़ के बालों (जिनका दूसरा खण्ड न हो सके) से भर कर 100 वर्ष में एक-एक बाल निकाला जाये और जब यह गर्त खाली हो जाये इसमें जितना समय लगता है वह समय ‘पल्य’ कहलाता है।…