चेतन!
चेतन Sentient being, Rational, Psychical, Conscious. अनुभवरूप भाव का नाम चेतन है अथवा जाने वाला आत्मा , जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चेतन Sentient being, Rational, Psychical, Conscious. अनुभवरूप भाव का नाम चेतन है अथवा जाने वाला आत्मा , जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्री संसर्ग – Stri Samsarga. Sexual intercourse.पुरुष का स्त्री के साथ संभोग करना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवेग – Sanvega. Mental agitation, Instinct, To have fear with the sufferings of wordly life. मन में उठने वाली भावना, अन्तःप्रेरणा, सम्यग्दर्शन के चार गुणों में से एक-संसार के दुःखों से नित्य डरते रहना अथवा पंचपरिवर्तन रूप संसार से भय उत्पन्न होना “
चतुर्मुख देव A writer who wrote ‘Padupachasi’ & ‘Harivanshpuran’. फ्दुपचासी एवं हरिवंश के कर्ता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुद्र – Samudra. Ocean, sea (one of the dreams of Lord’s & Bharat chakralvatis mother). सागर। तीर्थकरो की माता एवं भरत चक्रवर्ती की माता (यषस्वती) के स्वप्नों मे एक स्वप्न।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति निरन्तर – Prakrti Nirantara. Karmic nature with continuous binding. कर्म प्रक्रतियां जो अंतर्मुहूर्त काल तक निरंतररूप से बंधती हैं वह निरंतर बंधी प्रक्रतियां कहलाती हैं “
चतुर्दशी व्रत A type of devotional prayer. १४ वर्ष तक परतमॉस की दोनों चतुर्दशियों को १६ प्रहार का उपवास करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सचित्त द्रव्य शल्य – Sachitta Dravya Shalya. A type of material sting; servants etc. animate objects. द्रव्य शल्य के तीन भेदों में एक भेद; दास आदि सचित्त द्रव्य शल्य है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विहार –Vihara. Movement of Jaina saints on foot from one place to another. गमन, एक स्थान पर रहने से राग बढ़ता है इसलिए जैन साधु विहार करते हैं ” वर्षायोग के अतिरिक्त अधिक काल एक स्थान पर नहीं ठहरते “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त-विवृत्त – Sanvrtta-Vivrtta. A type of female genital organ with having some hidden & some opened portion. योनि के 9 भेदों में एक भेद; जो योनि स्थान कुछ ढका हुआ और कुछ खुला हुआ हो “