भास्करनंदी!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्करनंदी – Bhaskaranandi. Name of a saint who wrote ‘Dhyanstava’ and other treatises. मुनि; तत्त्वार्थसूत्र की सुखबोधिनी व्रत्ति तथा ध्यानस्तव के रचयिता ” समय – ई.श. १४ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्करनंदी – Bhaskaranandi. Name of a saint who wrote ‘Dhyanstava’ and other treatises. मुनि; तत्त्वार्थसूत्र की सुखबोधिनी व्रत्ति तथा ध्यानस्तव के रचयिता ” समय – ई.श. १४ “
ऊहा Synonym word of Iha (reflective speculation, curiosity). ईहा का पर्यायवाची।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूगोल – Bhugola. Geography. जैनाभीमत में मध्यलोक- जंबुद्वीप आदि ब्रह्रांड का वर्णन विषय भूगोल में है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाजातरूपधर–Yathajaatrupadhar. One having natural form without any worldly attachment. व्यवहार से नगन्पने एवं निश्चय से जो आत्मा का स्वरुप है उसे जोधारणकरता है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयसंरक्षणानंद – Vishayasamraksananamda. Intense passionate attachment. एक प्रकार का रौदृ ध्यान, परिग्रह व इन्द्रिय भोग के पदार्थों की रक्षा में मोह करते रहना चौथा रौदृध्यान हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हृद – Hrada. A large pond, large lake, water reservoir. तालाब, कुण्ड (6 वर्षधर पर्वतो पर स्थित है, इनमें से गंगा आदि 14 नदियां निकलती है)।
त्रिकाल चैबीसी व्रत A type of vows to be observed for particular 72 days in reverence to 72 Tirthankars of past, present & future time. जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र के भूतकालीन, वर्तमान कालीन एंव भविश्यकालीन ऐसे तीन चैबीसी के 72 व्रत। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुर्छित– Muurchhit. Unconcious one, Beings with delusions & passions. बेहोश, मोही, मिथ्याद्रष्टि जीव , जो देह कुतुम्बादि को अपना माने”
आदिकर्म Six fundamental duities of mundane life given by Lord Rishabhdev (Asi, Masi, Krishi, Vidya, Vanijya & Shilp). युग की आदि में कहे गये असि,मसि,कृषि, विद्या, वाणिज्य एंव शिल्परूप छः कर्म।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाट्यशाला – Natyasala place of dancing related to Samavashran (assembly of lord arihant. समवशरण में जहां देवकन्याएँ नृत्य करती है ” “