प्रासाद!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रासाद- महल, र्इटों और पत्थरों के बने हुए आवासों को प्रासाद कहते है। Prasada- Palace, a palatial building
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रासाद- महल, र्इटों और पत्थरों के बने हुए आवासों को प्रासाद कहते है। Prasada- Palace, a palatial building
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेयोविधा – Shreyovidhaa. Name of a treatise written by Acharya Abhayanandi Ji of Nandi group. नंदिसंघ देशीयगण के आचार्य अभयनंदि द्वारा रचित अनेक कृतियों में एक कृति, समय – ई. 930-950 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रारब्ध योगी- शुद्धात्मा भावना के प्रारम्भक और सूक्ष्म सविकल्प अवस्था में सिथत पुरुश। Prarabdha yogi- One engrossed in meditation inabsolutely
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतसागर – Shrutasaagara. Name of a saint in the group of Akampanacharya, Name of a Bhattarak of Nandi group, also name of the disciple of Acharya Shri Kunthusagar Maharaj. अकम्पनाचार्य के संघस्थ एक मुनि; इन्होने राजा श्रीधर्मा के मंत्रियो से शास्त्रार्थ कर उन्हें पराजित किया था ” नंदीसंघ बलात्कार गण में भट्टारक विद्यानंदि-2 के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीषेण – Shreesena. The past-birth (11th) soul of Lord Shaantinaath, Name of the 5th predestined Chakravarti (emperor). शांतिनाथ भगवान के पूर्व भव का 11वां भव, यह मगध देश का राजा था ” आगामी 5वें चक्रवर्ती का नाम “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == ध्यान : == मोक्ष: कर्मक्षयादेव, स चात्मज्ञानतो भवेत्। ध्यानसाध्यं मतं तच्च, तद्ध्यानं हिममात्मन:।। —योगशास्त्र : ४-११३ कर्म के क्षय से मोक्ष होता है, आत्मज्ञान से कर्म का क्षय होता है और ध्यान से आत्मज्ञान से कर्म का क्षय होता है और ध्यान से आत्मज्ञान प्राप्त होता है। अत: ध्यान…
आत्मयज्ञ A supreme sacrificial act of purifying soul. क्रोधाग्रि,कामाग्रि और उदराग्रि का वैराग्य और अनशन की आहुतियों से शमन करना।यति मुनि आदि इस यज्ञ से मुक्ति प्राप्त करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषम द्रष्टांत – Vishama Drstamta. An odd example of an event. जो दार्ष्टान्तिक के सदृश न हो उसे विषम द्रष्टांत कहते हैं “
इंद्रिय बल Sensual strength. 10 प्राणों में एक भेद वीर्यान्तराय एंव मतिज्ञानावरण कर्म के क्षयोपशम से प्राप्त इन्द्रियों की शक्ति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]