चर्मज!
चर्मज Something made of the skins of dear, elephant, lion etc. मृग, गज , व्याघ्र , चीता आदि के चर्म से बहना वस्त्र आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चर्मज Something made of the skins of dear, elephant, lion etc. मृग, गज , व्याघ्र , चीता आदि के चर्म से बहना वस्त्र आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्त्व प्रकृति – Samyaktva Prakrti. A karmic nature causing obstacle in right faith (faith deluding karma). दर्शन मोह की तीसरी प्रकृति, जिसके उदय से क्षयोपशम सम्यक्दर्षन मे चल, मलिन, अगाढ़ दोष उत्पन्न हो अर्थात् निर्मल न रहे।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यकचारित्र – Samyakchaaritra. Right conduct-involving into spiritual development. सम्यग्दर्षन सहित शुभ क्रियाओ मे प्रवृत्ति। रागद्वेष को दूरकर समता भाव मे रमना। इसके महाव्रत (सकलचारित्र) व अणुव्रत (देषचारित्र) ये दो भेद है।
चैत्य वृक्ष Super auspicious tree-temple with having super articles including idols of Lord Jin. तीन छत्र, घंटा , अष्ट मंगल द्रव्य और चारों दिशाओं में जिन प्रतिमाओं से युक्त वृक्ष , इन्द्रादि इनकी पूजा करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीकथा – Strikathaa. Passionate tale or romantic gossip.विकथा के 4 भेदो मे एक भेद। स्त्रियो की रागोत्पादक कथाओ को सुनना या करना अथवा कामीजनो द्वारा की जाने वाली स्त्रियो की संयोग-वियोग जनित विविध वचन रचना।
चंद्रभ A Kannad poet who wrote Gommateshvar Charit. एक कन्नड़ कवि (ई.श. १६०५) जिन्होंने गोम्मटेश्र्वर चरित की रचना की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चारूदत्त चारित्र A book written by Acharya Somkirti. आचार्य सोमकीर्ति भट्टारक (ई. १४७४) कृत का एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलाराधनादर्पण–Mularadhanadarpan. Name of a commentary book written by Pandit Ashadharji on ‘Bhagvati Aradhna’ भगवती आराधना नामक ग्रंथ पर पं. आशाधरजी द्वारा रचित एक टीका”
चेतना Consciousness, Vigour, Vitality. जिस शक्ति के सानिध्य से आत्मा ज्ञाता- दृष्टा अथवा कर्ता – भोक्ता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]