स्वपाक!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपाक – Svaaka. Name of a super power possessed by Nami & Vinami Vidyadhars. धरणेन्द्र की दिति देवी के द्वारा नमि और विनमि विद्याधरो को दिया गया एक विद्या निकाय।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपाक – Svaaka. Name of a super power possessed by Nami & Vinami Vidyadhars. धरणेन्द्र की दिति देवी के द्वारा नमि और विनमि विद्याधरो को दिया गया एक विद्या निकाय।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रागांश – Ragamsa Partial Attachment राग का अंश मात्र \ यह भी कर्म बंध का कारण है ” यह दशवे गुढ़इस्थान तक होता है
==हिंसा== प्रमाद से अपने या दूसरों के प्राणों का घात करने को हिंसा कहते हैं। इस पाप के करने वाले हिंसक, निर्दयी, हत्यारे कहलाते हैं। यशोधर महाराज ने शांति के लिए अपनी माता की प्रेरणा से आटे का मुर्गा बनाकर चंडमारी देवी के सामने बलि चढ़ा दी। इस संकल्पी हिंसा के पाप से वे पुत्र…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्संगति – Satsangati. Company of noble persons. सज्जन पुरुषों की संगति ” मनुष्य सज्जन के सहवास से सज्जन एवं दुर्जन के सहवास से दुष्ट बनता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुमासिक प्रायश्चित – एक प्रकार की प्रायष्चित विधि। Laghumasika Prayascitta-A kind of repentance
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृष्ठक – Prsthaka. Name of the 28th patal (layer) & Indrak of saudharma heaven. सौधर्म स्वर्ग के २८ वें पटल व इंद्रक का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वगुरु स्थापनावाप्ति क्रिया – Svaguru-Sthapanaavaapti kriyaa. A type of auspicious activity, entrusting the responsibility of group by the chief saint to other succeeding saint.गर्भन्वय की 53 क्रियाओ मे 23 वी क्रिया। गुरु की भांति स्वयं भी अवस्था विषेष को प्राप्त हो जाने पर संध से योग्य षिष्य को छांटकर उसे गुरु पद का भार…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपरेखा – प्रारूप, कार्य या क्रिया विधि बनाना। Ruparekha-General outline
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == समता : == किं करिष्यति वनवास: कायक्लेशो विचित्रोपवास:। अध्ययनमौनप्रभृतय:, समतारहितस्य श्रमणस्य।। —समणसुत्त : ३५३ समतारहित श्रमण का वनवास, कायक्लेश, विचित्र उपवास, अध्ययन और मौन व्यर्थ है। एक्कु करे मं विण्णिकरि, मं करि वण्ण विसेसु। इक्कइँ देवइं जे वसइ, तिहुयणु एहु असेसु।। —परमात्मप्रकाश : २-१०७ हे जीव ! तू…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्भव्यत्व – Syaadbhavyatva. Separate or different entities of matter.द्रव्य के समान 11 स्वभावो मे एक स्वभाव। एक द्रव्य दूसरे द्रव्य रुप नही होता, यह अभव्य स्वभाव है, अतः द्रव्य अपने स्वभाव को नही छोड़ता।