चंद्रबाहु!
चंद्रबाहु A Tirthankar (Jaina-Lord) of Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र के एक तीर्थंकर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चंद्रबाहु A Tirthankar (Jaina-Lord) of Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र के एक तीर्थंकर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मथुरा – Mathura. A famous city in the north state of Bharat (India), The salvation place of last omniscient Jambuswami. भरत क्षेत्र का एक नगर ” भारत के वर्तमान उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध नगर, पांडवो द्वारा बसायी गयी भरत क्षेत्र की एक नगरी ” अंतिम केवली जम्बूस्वामी की निर्वाण भूमि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] र्हं – एक मंत्र – ये जिनेन्द्र भगवान का वाचक है। Rham-A spiritual and mystical word of meditation
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणिभद्र (देव) – Manibhadra (Dev). A deity of Yaksha lineage. पांच क्षेत्र पालों में एक , यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राज्योत्तम – रूचक पर्वत पर स्थित एक कूट। यहां रूचकदेवी का निवास है जो तीर्थकर के जन्म में सेवार्थ जाती है। Rajyottama-A summit situated at mountain
गोचरी प्रतिक्रमण Repentance for sins after food taking activity by a saint. गोचरी से आने पर साधु द्वारा किया जाने वाला प्रतिक्रमण ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ललित कीर्ति – यषकीर्ति न 3 के गुरू और रत्ननंदी द्वि के षिक्षा गुरू। समय ई – 1214, काश्ठसंघी जगतकीर्ति के षिश्य एक मंत्रवादी। कृति महापराण टीका। नंन्दीष्वर व्रत आदि 13 कथाएं। Lalitakirti-Name of saints-(1) Spiritual teacher of ratnanandi-II (2) The disciple of Jagatkirti of Kashtha Group
चंदप्पहचरिउ A book written by Brahmadamodar. ब्रह्मदामोदर द्वारा रचित चनराप्रभ चरित्र. समय- ई. ११ मध्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रश्मिवेग – पुश्कलावती के विजयार्ध पर त्रिलोकोत्तम नगर के राजा विद्युतगति का पुत्र था।युवावस्था में दीक्षित हुआ, योग में लीन स्थिति में एक अजगर निगल गया।समाधिपूर्वक मरने से अच्यूत स्वर्ग के पुश्कर विमान मे देव हुअ्रा। Rasmivega-The son of kind Vidyutgati of Trilokottam city situated in Pushkalavati country of Vijayardh mountain