शुद्धात्मा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्मा – Suddhaatmaa. The passionless supreme soul. राग-द्वेषादि रहित वीतरागी शुद्ध आत्मा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्मा – Suddhaatmaa. The passionless supreme soul. राग-द्वेषादि रहित वीतरागी शुद्ध आत्मा “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंदकषाय:Virtuous nature of one, less passionate. सभी से प्रिय वचन बोलना, खोटे वचन बोलने पर दुर्जनों को भीक्ष मा करना, सभी के गुणों को ग्रहण करना आदि अर्थात्शुभलेश्या रूप परिणामों का होना मंदकषाय है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भंगविधि – Bhamgavidhi. A particular method for obtaining knowledge of something, synonym word for shrutgvan (scrip- tural knowledge). अहिंसा, सत्य, अस्तेय, शील आदि भंग का जिसके द्वारा विधान किया जाता है उसे भंगविधि अर्थात् श्रुतज्ञान कहते हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शौच : == समसंतोसजलेणं जो धोवदि तिव्व—लोहमल—पुंजं। भोयण—गिद्धि—विहीणो, तस्स सउच्चं हवे विमलं।। —समणसुत्त : १०० समता और संतोष के जल से जो तीव्र लोभ के मल—पुंज को धाया करता है, भोजन की लालसा से जो विहीन हुआ करता है, वह पवित्र शौच धर्म से संपन्न होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयिल – Vijayila.: Name of the 33rd chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 33वें गणधर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भदंत – Bhadamta. Respectful word for addressing great ascetics. जो सब कल्याणों को प्राप्त हों वह भदन्त हैं , साधु का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध भाव – Shuddha Bhaava . See – Shuddha Parinaama. देखे – शुद्ध परिणाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगराज:A Kannad poet who wrote a book ‘Khagendramanidarpan’. खगेन्द्रमणिदर्पण (चिकित्साशास्त्र) के रचियता एक कन्नड़ कवि “