सकलभूषण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलभूषण – Sakalabhooshana. Name of a Bhattarak of Nandi group, the disciple of Subhchandra. नंदिसंघ बलात्कारगण शुभचन्द्र के शिष्य एक भट्टारक (वि. 1613-1630) उपदेश रत्नमाला कृति के लेखक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलभूषण – Sakalabhooshana. Name of a Bhattarak of Nandi group, the disciple of Subhchandra. नंदिसंघ बलात्कारगण शुभचन्द्र के शिष्य एक भट्टारक (वि. 1613-1630) उपदेश रत्नमाला कृति के लेखक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदसप्तमी व्रत – Namdasaptami Vrata A particular vow is to be followed for seven years. सात वर्ष तक प्रतिवर्ष भादों सुदी 7 को उपवास करना ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतकीर्ति – Shrutakeerti. Name of a two different saints of Nandi group. नंदिसंघ बलात्कार गण त्रिभुवन कीर्ति के शिष्य जिन्होंने अनेक ग्रंथो की रचना की ” नंदिसंघ देशीयगण, माघनंदि कोल्हापुरीय के शिष्य एक महावादी ” कृति-काव्य राघव पाण्डवीय (समय- ई. 1133-1163) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदासुखदास – Sadaasukhadaasa. Name of a writer (a Pandit), who has written commentary of many great Jaina books. जयपुर निवासी एक पंडित ” भगवती आराधना की भाषा वचनिका, समयसार नाटक टीका, तत्त्वार्थ सूत्र की लघु टीका, रत्नकरण्ड श्रावकाचार की टीका, अकलंक स्तोत्र, मृत्यु महोत्सव संस्कृत टीका आदि के कर्ता ” समय- 1795-1866 “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर निर्वाण संवत –Vira Nirvana Samvat. Era beginning with the salvationof Lord Mahavira. वीर निर्वाण से प्रारम्भ होने वाला संवत ” जो वर्तमान में सबसे प्रचीन संवत के रूप में मान्य हैं ” वर्तमान ई सन २००३ – २००४ में वी. नि. सं. २५३० चल रहा हैं ” तिलोयपण्णत्ति (अधिकार ४, गाथा…
आत्मरक्षित Self-protected, A type of special heavenly deities (Laukantik Dev). स्वयं के द्वारा रक्षित, लौकान्तिक देवों का एक भेद जिनकी संख्या 27027 है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उन्मार्गगामी श्रमण Demoralized saints. कुमार्गगामी या खोटे आचरण बाला साधु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
सत्य – Satya. Truth, Real, Genuine, Pure. विद्यमान या अविद्यमान वस्तु का निरूपण करने वाला प्राणी हितैषी वचन, ये वचन 10 प्रकार के होते हैं ” उत्तम क्षमादि 10 धर्मों में एक धर्म “
ध्रुवस्कंध वर्गणा A type of aggregate of Karmic molecules. 23 पुद्गल वर्गणाओं में एक वर्गणा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]