मृत्युभय!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृत्युभय–Mratyubhay. The fear of death. सात भयो में एक भय; मरने से डरना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृत्युभय–Mratyubhay. The fear of death. सात भयो में एक भय; मरने से डरना”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य लब्धि – ViryaLabdhi A type of attainment pertaining to the vitality of beings. ५ लाब्धियों में एक लब्धि ” शक्ति की प्राप्ति जो वीर्यन्तराय कर्म के क्षयॉपशन से होती हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थितिकरण – Sthitikarana. Re-steadiness of one in religion (a part of right perception).सम्यग्दर्षन के 8 अंगो मे एक अंग। धर्म से विचलित होते हुए जीवो को या स्वंय को धर्म मे पुनः दृढ़ करना स्थितिकरण अंग है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पेय – Peya. Drinkable substances liquids. पीने योग्य दूध, पानी आदि पतले द्रव्य “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग –Vitaraga. One free from all passions and attachments, or passionless one. जहां मोह का उदय न राह हो ” आत्म साधन के द्वारा जिन्होंने राग-द्वेष को नष्ट कर दिया है उन्हें वीतराग कहते हैं ” अरिहंत भगवान पूर्ण वितारागी होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थविर मुनि – Sthavira Muni. Senior saint guiding own saint-tradition.चतुर्विध संध के पाॅच आधारो आचार्य, उपाध्याय, गणधर, प्रवर्तक और स्थविर मे एक, जो मुनि संध मे संध की रीति व प्राचीन परम्परा बताये वह स्थविर मुनि होते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र गुणस्थान–Mishra Gunsthan. Third model spiritual stage–a mixed stage of different contradictory virtues. तीसरा गुणस्थान; अपर नाम सम्यग्मिथ्यात्व है, इसमें जीव के परिणाम सम्यक्त्व और मिथ्यात्व से मिश्रित होते है”
चतुर्मुखमह A type of worship (performed by kings). सर्वतोभद्र पूजा ; पूजा का एक भेद जो मुकुटबद्ध राजाओं के द्वारा की जाती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तव क्रिया – Samyaktva Kriyaa. Worshipping the Jaina Lord, scriptures & saints. साम्परायिक आस्त्रव की 25 क्रियाओ मे पहली क्रिया। सच्चे देव शास्त्र गुरु की पूजा-भक्ति आदि करना। इससे सम्यक्तव की प्राप्ति और पुण्यबंध होता है।
त्रिकच्छेद Method of dividing a number by three, many times. एक ही संख्या में कई बार तीन से भाग जाता हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]