मुख्य!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख्य –Mukhya. Main, prime. प्रधान, प्रासंगिक”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचारगति – Sanchaaragati. Speed transmission or movement. गति के अनेक भेदों में एक भेद “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == तीर्थ : == रत्नत्रयसंयुक्त: जीव: अपि, भवति उत्तमं तीर्थम्। संसारं तरति यत:, रत्नत्रयदिव्यनावा।। —समणसुत्त : ५१४ (वास्तव में) रत्नत्रय से सम्पन्न जीव ही उत्तम तीर्थ (तट) है, क्योंकि वह रत्नत्रयरूपी दिव्य नौका द्वारा संसार—सागर को पार करता है।
चन्दनछट्ठी कहा A book written by Pandit Lakhu. पंडित लाखू (ई.श. १३ का पूर्वपाद) द्वारा रचित कथा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तेयानंद – Steyanamda. To feel pleasure in theft.रौद्रध्यान के 4 भेदो मे एक भेद, चैर्यानंद। प्रमादपूर्वक दूसरे के धन को बलात् हरने का अभिप्राय रखना या उसमे हर्षित होना।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृक्षमूल –Vrksamula. Root of trees, A type of meditation to be observed under the tree. वृक्ष की जड़, एक प्रकार का योग, वर्षाकाल में वृक्ष के नीचे ध्यान लगाना, वृक्षमूल योग कहलाता हैं
चर्मरत्न A jewel of Chakravarti (emperor) helps in walking through water without sinking. चक्रवर्ती का एक अचेतन रत्ना . जिसे जल पर बिच्छा देने से थलवत् गमन होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधान क्रिया – Samaadaana Kriyaa. A kind of passionful influx, to be restraintless or to violate the vows etc. साम्परायिक आस्त्रव की 25 क्रियाओ मे एक क्रिया; संयमी पुरुष का असंयम के अभिमुख होना। यह प्रमादवर्धक क्रिया होती है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पतन:Decay, decline, An obstacle in saints food (sudden falling down of a saint while taking food). गिरना, च्युत होना, आहार लेते समय यदि साधु मूर्छा आदि आने से गिर पड़ते है तो यह पतन नाम का अंतराय है।