भद्रकाली!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रकाली – Bhadrakali. A type of super power. १६ निकाय विधाओं में विधाधर की एक विधा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रकाली – Bhadrakali. A type of super power. १६ निकाय विधाओं में विधाधर की एक विधा “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र पूजा–Mishra Puja. To worship Lord ’Jina’, preceptors and ‘Books’ (scriptures). द्रव्य पूजा का एक भेद; प्रत्यक्ष उपस्थित जिनेन्द्र भगवान् और गुरु एवं कागज आदि पर लिपिबद्ध शास्त्र की पूजा करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म तद्व्यतिरिक्त – Nokarma Tadvyatirikta. External causes for the state of any particular karmas. निक्षेप- किसी कर्म की अवस्था के लिये जो बाहरी कारण हो जैसे, क्षयोपशम रूप मतिज्ञान के लिए पुस्तक अभ्यास आदि “
गणधर Chief disciple (Gandhar) of Teerthankar (Jaina lord). तीर्थंकर के प्रमुख शिष्य इनके अन्य नाम गणी, गणीश ,गणपति ,गणेश आदि भी हैं। ये समस्त श्रुत के पारगामी, सातों ऋद्धियों के धारक, मुनियों के स्वामी एवं चार ज्ञानधारी होते हैं। [[महावीर स्वामी के गणधर]] [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वट्टकेर –Vattakera: Another name of kund-kund Acharya,who wrote Moolachar Granth (a treatise). आचार्य कुन्दकुन्द का अपरनाम जिन्होंने मूलाचार ग्रन्थ की रचना की “समय –ई .स .127 -179 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैसर्गिक गुण – Naisargika Guna. Internal qualities. स्वाभाविक, अन्तर्जात गुण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीलकथा – Sheelakathaa. Name of religious story written by poet Bharamal. कवि भारमल (ई. 1756) रचित हिंदी भाषाबद्ध कथा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैगमाभास – Naigaamabhaasa. False figurative standpoint. मिथ्या नैगम नय “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष उपयोग – Vishesha. Special consciousness. ज्ञानोपयोग या साकारोपयोग, जो सामान्य – विशेशात्म्क पदार्थो के आकार को ग्रहण करे अर्थात् ज्ञान पदार्थो को विशेष करके जानता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रजंघ – Vajrajangha Past-birth(8th) name of Lord Rishabhdev, Name of a king in whose palace Lav & Kush were born, Name of a descendant of Vidyadhar Nami. 1. तीर्थंकर ऋषभदेव के आठवें पूर्वभव का जीव , जबकि उन्होंने अपनी रानी श्रीमती के साथ जंगल में युगलिया मुनियों को आहार दिया था ” इस आहारदान…