श्वेतवस्त्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्वेतवस्त्र – Shvetavastra. White clothes. सफेद वस्त्र “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == धनासक्ति : == धन धरती में गाडै बौरा, धूरि आप मुख लावे। मूषक साँप होइगो आखर, तातै अलठि कहावै।। —आनन्दघन ग्रंथावली : पद—४ मूढ़ मानव अपने धन का संरक्षण करने हेतु धन को जमीन में गाड़ता है और उस पर धूल डालता है किन्तु वस्तुत: वह धन के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेयांससागर – Shreyaansasaagara. Name of a great Acharya in the disciple tradition of Acharya Shree Shantisagarji Maharaj. 20वीं सदी के प्रथम आचार्य चारित्रचक्रवर्ती श्री शान्तिसागर जी महाराज की परम्परा में हुए पंचम पट्टाचार्य ” इनकी प्रेरणा से मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र पर 24 तीर्थंकर प्रतिमाओं का नूतन जिनमंदिर निर्मित किया गया है ” ये एक महान…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृहतपल्य व्रत –VrhatapalyaVrata. A particular kind of vow to be observed with particular procedure. प्रत्येक माह मे ये कई व्रत आते हैं, यह एक वर्ष तक किया जाता है ” एक वर्ष मे इसके ७२ व्रत होते हैं ” इसमे एक – एक उपवास का पल्य – पल्य उपवास बराबर फल होता…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतवीर – Shrutaveera. Name of a Bhattarak of Sen group. सेनसंघ या वृषभ संघ की पट्टावलि के एक भट्टारक “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावविशुध्दी – Bhavavisuddhi. Volitional purity. प्रत्याख्यान; राग द्वेष आदि अशुभ परिणाम का त्याग करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीष – Shreesa. The initiation & omniscience tree of Lord Suparshvanaath. तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ का दीक्षा एवं केवलज्ञान वृक्ष ” अपरनाम शिरीष वृक्ष “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंदी -उत्साहवर्द्धक मंगल पाठ करने वाले चारण अथवा देव। ये तीर्थकर माता को जगाने व प्रस्थान के समय उच्च स्वर से मंगल पाठ करते है। Bandi- serving deities or beings.
चतुर्गति Four body forms or destinities; Hell, Animals and Plants, Human beings and Deities. चार गतियाँ ; नरक , तिर्यंच , मनुष्य व देवगति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यप्रवाद – Satyapravaada. A part of early canons ( the 6th part of Purvagat Shrut) containing description of 12 type of languages & 10 types of speeches. पूर्वगत श्रुत का छठवां भेद ” इसमें 1 करोड़ पद है, जिसमे 12 प्रकार की भाषाएँ तथा 10 प्रकार के वचनों का कथन किया गया है “