तृप्ति!
तृप्ति Satisfaction, Gratification. संतोष , संतुष्टि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य प्राण – Bahya Prana. All valuable articles to be very dear to a person. लोक में स्वर्ण, धन आदि जितने भी पदार्थ हैं वे सब प्राणियों को अत्यंत प्रिय होने के कारण बाह्य प्राण कहलाते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावश्रुत – Bhavasruta. Acquisition of scriptural knowledge by listening of Dvadshang. द्वादशांग (जिनवाणी) के सुनने से जो स्वसंवेदन रूप ज्ञान होता है वह भावश्रुत है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यत्व भाव – Bhvyatva Bhava. Worthy feeling for salvation. जीव के पारिणामिक भाव का एक भेद ” देखें – भव्यत्व “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न (सत्य-असत्य) – Svapna (Satya-Asatya). Right & False dreams.स्वस्थ अवस्था मे दिखने वाले तथा दैव से उत्पन्न होने वाले स्वप्न सत्य होते है एवं अस्वस्थ अवस्था मे तथा दोष से उत्पन्न होने वाले स्वप्न असत्य होते है।
तिर्यग्त्रिक A triplet related to Tiryanch beings. तिर्यचगति, तिर्यचगत्यानुपूर्वी, तिर्यंच आयु। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अनंत – Bhava Ananta. To have knowledge of scriptures and involve-ment in it. अनन्त विषयक शास्त्र को जानना एवं वर्तमान में उसके उपयोग से उपयुक्त होना अथवा त्रिकाल जात अनंत पर्यायों से परिणत होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वद्रव्य – Svadravya. The soul.आत्मद्रव्य अर्थात् अविनाशी, विकार रहित केवलज्ञानमयी आत्मा स्वद्रव्य है।
तिर्यग्व्तिक्रम Exceeding the limits set in the direction, namely horizontally. दिग्व्रत का एक अतिचार, समान धरातल में की गई सीमा का उल्लंधन करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धिदेवी – Buddhidevi. Name of a ruling female deity of Mahapundarik Hrid (like lake ) and Buddhikuta (summit ). बुद्धिकूट की स्वामिनी देवी; महापुण्ङरिक ह्र्द की दिक्कुमारी देवी जो तीर्थकर की माता की सेवा के लिए आती हैं “