संचारगति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचारगति – Sanchaaragati. Speed transmission or movement. गति के अनेक भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचारगति – Sanchaaragati. Speed transmission or movement. गति के अनेक भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरोपनिधा: A sequence related to gradation.श्रेणी प्ररूपणा-जहा पर दुगुणत्व और चतुर्गुणत्व आदि की परीक्षा की जाती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयदत्त – Vinayadatta. Name of a Acharya possessing knowledge of purvas (part of scriptural knowledge – Shrutgyan). मूलसंघ पट्टावली के अनुसार लोहाचार्य के पश्चात् हुए पूर्वधारी आचार्य ” समय – वी.नि. ५६५-५८५ “
चन्दनछट्ठी कहा A book written by Pandit Lakhu. पंडित लाखू (ई.श. १३ का पूर्वपाद) द्वारा रचित कथा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तेयानंद – Steyanamda. To feel pleasure in theft.रौद्रध्यान के 4 भेदो मे एक भेद, चैर्यानंद। प्रमादपूर्वक दूसरे के धन को बलात् हरने का अभिप्राय रखना या उसमे हर्षित होना।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मविद्या – Brahmavidya. A book written by Acharya Mallishen. आचार्य मल्लिषेण (ई. ११२८ ) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == गुण : == गुणानामाश्रयो द्रव्यं, एकद्रव्याश्रिता गुणा:। लक्षणं पर्यवाणां तु, उभयोराश्रिता भवन्ति।। —समणसुत्त : ६६१ द्रव्य गुणों का आश्रय या आधार है। जो एक द्रव्य के आश्रय रहते हैं वे गुण हैं। पर्यायों का लक्षण द्रव्य व गुण, दोनों के आश्रित रहना है। णयरम्मि वण्णिदे जह ण वि,…
चर्मरत्न A jewel of Chakravarti (emperor) helps in walking through water without sinking. चक्रवर्ती का एक अचेतन रत्ना . जिसे जल पर बिच्छा देने से थलवत् गमन होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधान क्रिया – Samaadaana Kriyaa. A kind of passionful influx, to be restraintless or to violate the vows etc. साम्परायिक आस्त्रव की 25 क्रियाओ मे एक क्रिया; संयमी पुरुष का असंयम के अभिमुख होना। यह प्रमादवर्धक क्रिया होती है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मावती (आर्यिका):A disciple Aryika of Ganini Aryika Shri Gyanmati Mataji. गणिनीपमुख श्री ज्ञानमती माताजी की एक आर्यिका शिष्या। जिन्होंने अपनी त्याग की कठोर साधना के साथ-साथ जीवन में दो बार (ई0 सन 1970एवं 1971 में), भादो के महीे में सोलहकारण के 31-31 उपवास कियें ।