भोग!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग:Worldly or sensual enjoyments. भोजन वस्त्रादि पंचेन्द्रिय सम्बंदी विषय भोग पदार्थ कहलाते है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोग:Worldly or sensual enjoyments. भोजन वस्त्रादि पंचेन्द्रिय सम्बंदी विषय भोग पदार्थ कहलाते है “
धर्ममूढ़ता Religious ignorance, silliness. लोकमूढ़ता ; धर्मलाभ मानकर नदी-समुद्र आदि में स्नान करना,बालु, पत्थर आदि का ढेर लगाना, पर्वत से गिरना, अग्नि में जलना आदि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गाय Cow, A type of listener. एक पशु,स्ग्रोता का एक भेद ; जैसे गाय तृण खाकर दूध देती है , वैसे ही जो श्रोतागण थोड़ा उपदेश सुनकर बहुत लाभ लिया करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धर्मंधर Name of the writer of ‘Nagkumar Charit’ and ‘Shreepal Charit’. नागकुमार चरित्र तथा श्रीपाल चरित्र के रचयिता।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गार्हपत्य(कुंड) Sacrificial pit of fire. होम करते हुए जो तीर्थंकर की निर्वाण की अग्नि की स्थापना रूप चौकोर कुंद बनाया जता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यद्र्छा–Yadrachha. According to one’s own wish. अपनी इस्छा के अनुसार बिना विचारे”
धर्म Religion, Daily observances of religious rites. ‘‘उत्तमे सुखे धरतीति धर्म’’ अर्थात् जो प्राणियों को उत्तम सुख में पहुँचा दें, उपासना करना, सत्कर्म। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गिरनार(तीर्थ) Name of a place of pilgrimage, from where Lord Neminath got salvation. It is situated in Gujarat state. गुजरात प्रांत में स्थित भगवान नेमिनाथ की निर्वाणभूमि के नाम से प्रसिद्ध एक तीर्थ . जूनागढ़ में राहुल को ब्याहने हेतु बारात लेकर आये नेमिनाथ को पशु बंधन देखकर वैराग्य हो गया था, अतः उन्होंने वहाँ…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव शक्ति – Vibhava Sakti. The power causing karmic binding with soul. जीव और कर्मों में परस्पर बंध को कराने वाली चुम्बक द्वारा खिंचने वाली लोहे की सुई के समान विभाव नाम की शक्ति ” वह जीव के ज्ञानादि भावों के विकार का कारण होती है “