जंतु!
जंतु Living beings of lower level; insects etc. चतुर्गतिरूप संसार की नाना योनियों में जन्म धारण करने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जंतु Living beings of lower level; insects etc. चतुर्गतिरूप संसार की नाना योनियों में जन्म धारण करने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तंइुल Rice; one among the 8 articles used for worsh-ipping of Jaina Lord. चावल, पूजन के अष्टद्रव्यों में से एक द्रव्य, जिसे अक्षत भी कहते है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
छल Deception, lllusion, Fraud. वादी के वचन से दूसरा अर्थ कल्पनाकार उसके वचन में दोष देना, मायाचारी , धोखा करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वातिचार प्रतिक्रमण – Sarvaatichaara Pratikramamna. Purification or repentance of all faults commited in ascetic life. दीक्षा ग्रहण से लेकर समस्त तपष्चरण के काल तक जो दोष लगे हो उनकी शुद्धि करना।
छेदोपस्थापक Jain saints observing 28 Moolguns (basic virtues). छेदोपस्थापना अर्थात् २८ भेदरूप मूलगुण उन भेदरूप मूलगुणों का पालन करने वाले मुनि छेदोपस्थापक कहे जाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वश्री – Sarvashree. Name of an Aryika who would get birth in heaven in the last period of Panchamkal (the 5th long period of time) पंचमकाल की अंतिम आर्यिका जो पंचम काल के साढे़ आठ माह शेष रहने पर कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन स्वाति नक्षत्र में देह त्यागकर स्वर्ग में…
छाया Shadow, Image. प्रकाश के आवरणभूत शरीर आदि का प्रतिबिम्ब।[[श्रेणी:शब्दकोष]] [[श्रेणी:पुत्री]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वप्रिय – Sarvapriya. Dear to all, universally popular, Name of the 27th chief disciple of Lord Rishabhdev. ’सबको अच्छा लगने वाला , भगवान वृषभदेव के 27 वें गणधर ।
चोरकथा A theft-gossip, stories of deception or stealing. एक विकथा ; चोरों का चौरकर्म संबंधी कथन ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वग्रहकता – Sarvagraahakataa. The quality of knowing all (of Kevalgyan) केवलज्ञान का सब कुछ जानने रुप गुण।