स्याद्वादचंद्रिका टीका!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्वादचंद्रिका टीका – Syaadvaadav Camdrikaa Tikaa.See- Niyamasaara Praabhrta.देखे- नियमसार प्राभृत।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्वादचंद्रिका टीका – Syaadvaadav Camdrikaa Tikaa.See- Niyamasaara Praabhrta.देखे- नियमसार प्राभृत।
जन्मसंस्कार क्रियामंत्र Rituals for birth ceremony. एक गर्भाधान क्रिया ‘जन्म संस्कार’ के मंत्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादनेक प्रदेषत्व – Syaadanekatva Pradessatva. A matter with different dispositions (in some aspect).भेद कल्पना सापेक्ष अशुद्व द्रव्यार्थिक नय की अपेक्षा से एक ही द्रव्य मे अनेक प्रदेषो की उपलब्धि होना। धर्म, अधर्म, आकाश और जीवद्रव्य के अनेक या नाना प्रदेश स्वभाव है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == निर्लेप : == चरदि जदं जदि णिच्चं, कमलं व जले णिरुवलेवो। —प्रवचनसार : ३-१८ यदि साधक प्रत्येक कार्य यतना से करता है, तो वह जल में कमल की भाँति निर्लेप रहता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्मृतयनुपस्थान – Smrtyanupasthaana. Non-concentration of mind. सामायिक व्रत का एक अतिचार है। चित्त की चंचलता से पाठ आदि को भूल जाना अर्थात् चित्त की एकाग्रता न होना व मन मे समाधिरुपता का न होना।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == द्रव्य : == आकाशकालजीवा:, धर्माधर्मौ च र्मूितपरिहीना:। मूर्तं पुद्गलद्रव्यं, जीव: खलु चेतनस्तेषु।। —समणसुत्त : ६२६ आकाश, काल, जीव, धर्म और अधर्म द्रव्य अर्मूितक हैं। पुद्गल द्रव्य र्मूितक है। इन सबमें केवल जीव द्रव्य ही चेतन है। दव्वं सल्लक्खणयं उप्पादव्वयधुवत्तसंजुत्तं। —पंचास्तिकाय : १० द्रव्य का लक्षण सत् है और वह सदा…
जघन्य परीतासंख्यात A mathematical term of infinite measure. असंख्यात संख्या प्रमाण का एक भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमकूट–Yamkut. Name of a summit at Yamkgiri. यमकगिरी पर स्थित एक कूट”
जगच्चन्द्र सूरि Name of a Shvetambar Jain Acharya. तेरहवीं शताब्दी के एक श्र्चेताम्बर आचार्य ; दिलवाड़ा मंदिर के निर्माता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]