एकार्थ समवाय!
एकार्थ समवाय One inherence in the same substratum. समान पदार्थों का समुदाय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकार्थ समवाय One inherence in the same substratum. समान पदार्थों का समुदाय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दिव्यभूमि The assembly land of Lord Arihant. स्वाभाविक भूमि से एक हाथ ऊंची समवसरण की भूमि , इसके एक हाथ ऊपर कल्पभूमि होती है। हरिवंशपुराण के आधार से यह व्यवस्था मानी है तथा तिलोयपण्णत्ति में एक हाथ ऊपर से एक- एक हाथ ऊंची बीस हजार सीढि़यां मानी है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलस्थान–Mulasthan. A fault of a saint (using article without purifying it), Past name of present city Multan in Punjab. दोष; आहार, पिच्छी, कमंडलु और वसतिका आदि को शोधन किये बिना ही साधु द्वारा इनका प्रयोग करना, पंजाब का वर्तमान मुलतान नगर”
दृष्टिनिर्विष ऋद्धि A type of supernatural power (making one cured by casting a glance of a saint). जिस ऋद्धि के प्रभाव से प्रसन्नचित्त साधु के द्वारा देखने मात्र से रोग व विष से पीडि़त जीव स्वस्थ और निर्विष हो जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुनिरोध – Vaayunirodha.: The process of resisting breath (a meditational activity) in which exhaling is performed through the palate. प्राणायाम ; श्वासोच्छ्वासरूप पवन नासिका के छिद्रों को छोड़कर स्वयमेव तालुका के अति सूक्ष्म छिद्र (10वें द्वार) से होकर बाहर निकलती है “
दूर प्रकृष्टि Magnetic effect (as a quality), Power of attraction. दूर से खीचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध चारित्र – Suddha Chaaritra. Absolute right conduct.निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम ” वीतराग चारित्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलाणु – Pudgalanu. Indivisible particles of the matter. पुद्गल द्रव्य के दो भेदों में एक भेद; अविभागी एक प्रदेशी पुद्गल द्रव्य को अणु कहते हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संतोष : == देिंवदचक्कवट्टित्तणाई रज्जाइ उत्तमा भोगा। पत्ता अणंतखुत्तो, न य हं तित्तिं गओ तेहिं।। —इन्द्रिय पराजय शतक : १६ देवपन, इन्द्रपन, चक्रवर्तीपन और राज्य आदि के उत्तम भोगों को मैंने अनंत बार पाया है, परन्तु अभी तक मैंने इनसे लेशमात्र भी तृप्ति नहीं पाई है। सव्वग्गंवथविमुक्को, सीईभूओ…