स्पर्ष गति विधान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष गति विधान – Sparssa Gati Vidhaana. type of anyyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्श अंतर विधान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष गति विधान – Sparssa Gati Vidhaana. type of anyyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्श अंतर विधान।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृषभ – Vrsabha. Another name of Lord Rishabhdev. A bull: a significant mark of Lord Rishabhadev भगवन ॠषभदेव का एक नाम , बैल , जो भगवन ॠषभदेव का चिन्ह हैं “
उत्तर व्रत Subsidiary vows (secondary). श्रावक के मूलगुण 8 होते हैं अहिंसादि 12 व्रत उत्तर व्रत हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मुक्ति : == जह पंकलेवरहिओ जलोविंर ठाइ लाउसो सहसा। तह सयलकम्ममुक्को लोगग्गे ठाइ जीवो वि।। —कुवलयमाला : १७९ जैसे कीचड़ के लेप से रहित होते ही तूंबा जल पर सहसा तैरने लग जाता है, वैसे ही जीव कर्ममल से मुक्त होकर लोकाग्र पर स्थित हो जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिर चित्त – Sthira Citta. Concentration of mind.चित्त की एकाग्रता, इसी का नाम ध्यान है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौक्तिकहारावली– Mauktikharavali. Wreath of pearls. गोल और आकर में बड़े मोतियों से गुथा गया एक लड़ी का हार”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थितिकल्प – Sthitikalpa. Ten types of code of conduct for a saint.व्यव्हार साधु के 10 स्थ्तििकल्प है। अचेलकत्व, उदिष्ट भोजन का त्याग, शरूयाधरपिंडत्याग, वसतिका बनवाने या सुधरवाने वाले के द्वारा दिये जाने वाले आहार एवं उपकरण का त्याग, राजपिंड का त्याग, कृतिकर्म अर्थात् साधुओ की विनय शुश्रूसा आदि करना, व्रत का जिसे स्वरुप मालूम…
उत्कृष्टयुक्तानंत An uncountable number. जघन्य अनंतानंत की संख्या से एक कम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चरमांग One having ultimate body and who will get salvation in the same birth. चरम शरीरी एवं तद्भव ,मोक्षगामी जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]