चतुर्विंशति पूजाविधान!
चतुर्विंशति पूजाविधान Name of a text of worship. चौबीसी पूजा विधान की एक किताब ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विंशति पूजाविधान Name of a text of worship. चौबीसी पूजा विधान की एक किताब ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समय (आगम) – Samaya (Aagama). Literature describing right knowledge of all matters (Jiva, Ajiva etc). जिसके जीव अजीव आदि पदार्थों का भले प्रकार से ज्ञान हो या जिसमे जीव आदि पदार्थों का ठीक-ठीक वर्णन हो ऐसा आगम या सिद्वांत समय है।
चतुश्र्चारित्रसिद्ध Those who have got salvation because of four super conducts. भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा ४ चारित्र से सिद्ध होने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम ग्रैवेयक – Madhyama Graiveyaka. See – Madhyama Graiveyaka. देखें – मध्यग्रैवेयक”
ग्रन्थ A literary composition, treatise, A knot, Posses- sions (external, internal). गणधर देव से रचा गया द्रव्यश्रुत ग्रन्थ कहा जाता है . गाँठ , बंध , परिग्राही; अन्तरंग , बहीरंग के भेद से दो प्रकार का है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम असंख्यात – Madhyam Asankhyata. A mathematical term. एक गणितीय पद ” देखें – मध्यम अनंत “
चर ज्योतिष्क लोक Universe (reg. astral), space for wandering astral deities. मनुष्य लोक . ढाई द्वीप के ज्योतिष्का देव मेरु से ११२१ ईओओजन दूर रहकर उसके चारों ओर घूमते रहते हैं . इसके बाहर वे ज्योतिष्का देव गमन नहीं करते ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मधुक्रीड – Madhukrida. Name of the 5th pratinarayan. 5 वें प्रतिनारायण का नाम( अपरनाम – निशुम्भ ) “
चक्ररत्न A divine circular weapon (Chakra) possessed by Chakravarti (emperor) etc. as a jewel. सुदर्शनचक्र; जो चक्रवर्ती व अर्द्धचक्रवर्ती के होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मत्यज्ञान – Matyagyana. Wrong sensory knowledge. कुमतिज्ञान , मिथ्याद्रष्टि जीव के कुमतिज्ञान होता है”