द्वितीय संग्रह कृष्टि!
द्वितीय संग्रह कृष्टि A type of krishti-gradual destruction of karmas. 4 कषायों की तीन- तीन कृष्टी होती हैं इस तरह संग्रहकृष्टि 12 होती हैं, उनमें दूसरी कृष्टि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्वितीय संग्रह कृष्टि A type of krishti-gradual destruction of karmas. 4 कषायों की तीन- तीन कृष्टी होती हैं इस तरह संग्रहकृष्टि 12 होती हैं, उनमें दूसरी कृष्टि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्वारापेक्षण To wait at the door to offer food to any recipient (saint etc.). आहार दान के लिए द्वार पर पात्र की राह देखते हुए खड़े होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आदेश प्रारूपणा (बंध-उदय-सत्व) An exposition of bondage, fruition & existence of karmas after investigation. कर्मों के बंध उदय-सत्व का मार्गणा द्वारा विशेष व्याख्यान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दातार Donator of food, medicines etc. श्रद्धा, भक्ति, संतोष आदि 7 गुणों के साथ आहार आदि दान करने वाला। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आर्वतनता Turning motion, Rotation, Limited modification. आर्वत करना, चारों ओर घूमना सीमित परिणाम या परिणाम या परिर्तन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्सर्गलिंग Form of unclothedness (of Digambar Jaina saints). जैन साधु का द्रव्य (दिगम्बर) लिंग।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आह्वान Invocation. आमंत्रण बुलाना पूजन के पहले स्थापन में पूज्य की विनय के लिए आह्वान एक विधि है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]