पर पर्याय!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर पर्याय: Different body forms.क्षयोपशम के द्वारा व ज्ञेयों के द्वारा चित्र-विचित्र पर्याय ’परपर्याय’ कहलाती है जबकि केवलज्ञान के द्वारा निष्पन्न अन्तद्र्युति या अन्तर्तेज ’निजपर्याय’ है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर पर्याय: Different body forms.क्षयोपशम के द्वारा व ज्ञेयों के द्वारा चित्र-विचित्र पर्याय ’परपर्याय’ कहलाती है जबकि केवलज्ञान के द्वारा निष्पन्न अन्तद्र्युति या अन्तर्तेज ’निजपर्याय’ है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवृत्त-विवृत्त – Sanvrtta-Vivrtta. A type of female genital organ with having some hidden & some opened portion. योनि के 9 भेदों में एक भेद; जो योनि स्थान कुछ ढका हुआ और कुछ खुला हुआ हो “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर चतुष्टय: A quartet of alien (other) substance, location, time and mode called Para Chatushtya. परद्रव्य, परक्षेत्र, परकाल एवं परभाव ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वानुभूत्यावरण – Svaanubhuutyaavarana. An obscuring Karma of self realization. स्वानुभूति (सम्यक्त्व) पर आवरण करने वाला अर्थात् नही प्रकट होने देने वाला कर्म।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्यात् : == नियमनिषेधनशीलो निपातनाच्च य: खलु सिद्ध:। स स्याच्छब्दो भणित:, य: सापेक्षं प्रसाधयति।। —समणसुत्त : ७१५ जो सदा नियम का निषेध करता है और निपात रूप से सिद्ध है, उस शब्द को ‘स्यात्’ कहा गया है। यह वस्तु को सापेक्ष सिद्ध करता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साकेता – Saaketaa. Another name of Ayodhya (birth place of lord Adinath, Ajitnath, Abhinandannath, Sumatinath & Anantnath). भरत क्षेत्र की एक नगरी। अपरनाम अयोध्या। तीर्थकर आदिनाथ अजितनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ, अनंतनाथ की जन्म नगरीं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर निरंतर द्रव्य वर्गणा – Saantara Nitramtara Dravya Varganaa. A type of Karmic aggregates having nature of continuity & discontinuity both. जो वर्गणा अंतर के साथ निरन्तर जाती है, उसकी सांतर-निरन्तर द्रव्य वर्गणा संज्ञा है। यह अग्रहण वर्गणा ही है, क्योकि यह आहार, तैजस, भाषा, मन और कर्म के अयोग्य है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव – स्वभाव – Vibhava – Svabhava. Nature contrary to the real nature. कर्मबंध के प्रकरण में रागादि परिणाम भी अशुद्ध निश्चयनय से जीव के स्वभाव कहे जाते हैं “