यथातथानुपूर्वी!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथातथानुपूर्वी–Yathatathanupurvi. See – Yatrattranupurvi. देखें –यत्रतत्रानुपूर्वी”
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[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्तर – Sanstara. Bed, Dry grass bed. शय्या ” दिगम्बर जैन साधुओं का संस्तर तृण, चटाई आदि का होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदवती – Namdavati Name of a large well of Nandishvardvip (island). Name of a female deity of Ruchak mountain. नंदीश्वर द्वीप की वापी का नाम, रुचक पर्वत की दिक्कुमारी देवी का नाम ”
[[श्रेणी:सूक्तियां]] ==जैन सूक्तियाँ== ==अंतरात्मा :== अन्तरबाहिरजप्पे, जो वट्टइ सो हवेइ बहिरप्पा। जप्पेसु जो ण वट्टइ, सो उच्चइ अंतरंगप्पा।। जो अंदर और बाहर के जल्प (विचन—विकल्प) में रहता है वह बहिरात्मा है। और जो किसी भी जल्प में नहीं रहता, वह अन्तरात्मा कहलाता है। अक्खाणि बहिरप्पा, अंतरअप्पा हु अप्पसंकप्पो। —मोक्खपाहुड : ५ इन्द्रियों में आसक्ति बहिरात्मा…
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सत्संग : == धुनोति दवयुं स्वान्तात्तनोत्यानंदथुं परम्। धिनोति च मनोवृत्तिमहो साधु—समागम:।। —आदिपुराण : ९-१६० साधु पुरुष का समागम मन से संताप को दूर करता है, आनन्द की वृद्धि करता है और चित्तवृत्ति को संतोष देता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसंवेद्य सुख – Svsammvedya Sukha. Spiritual bliss. अतीन्द्रिय या आत्मिक सुख। निर्विकल्प ध्यान मे स्थित परम योेगियो के रागदि के अभाव से उत्पन्न स्वसंवेद्य आत्मिक सुख है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदक – Namdaka Name Of a Saint, who used to take food in forest. मासोपवासी मुनि , इन्होंने वन में ही आहार लेने का नियम किया था ”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिपूजा–Yatipuja. Eulogical devotion for saints. शुभ परिणामों से गुरु की पूजन करना”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णकूला देवी – Svarnakuulaa Devi. Name of the governing deity of Svarnakuulaa Kund (a pond). स्वर्णकूला कुण्ड की स्वामिनी देवी।
ध्रुवराज The son of Krishnaraj – I, the king of ‘Latdesh’ in south. दक्षिण में लाटदेश के नरेश कृष्णराज प्रथम का पुत्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]