नोजीव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोजीव – Nojeeva. A body (one well versed in scripturess) without soul . अनंतानंत विस्रसोपचयों से उपचय को प्राप्त कर्मपुदगल स्कन्ध (शरीर) प्राणधारक अथवा ज्ञानदर्शन से रहित होने के कारण नोजीव कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोजीव – Nojeeva. A body (one well versed in scripturess) without soul . अनंतानंत विस्रसोपचयों से उपचय को प्राप्त कर्मपुदगल स्कन्ध (शरीर) प्राणधारक अथवा ज्ञानदर्शन से रहित होने के कारण नोजीव कहलाता है “
उदितपराक्रम New strength, A king of Ikshvaku descendant. नया जोश इक्ष्वाकु वंश का एक राजा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीलपाहुड – Sheelapaahuda. Name of a great treatise written by Acharya Kundkund आचार्य कुन्दकुन्द (ई. 127-179) कृत ज्ञान व चारित्र का समवन्यात्मक 40 प्राकृत गाथा निबद्ध ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोकर्म – Nokarma. Grossbody etc. are called Nokarma. नामकर्म के उदय से प्राप्त होने वाला औदारिक आदि शरीर जो जीव के सुख में निमित्त बनता है वह नोकर्म कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्तनिभ – 88 ग्रहो मे 15 वे ग्रह का नाम। Raktanibha-Name of the 15th planet out of 88
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रा पृथिवी –Vajraa Prithivii: An earth of middle universe. मध्यलोक की एक पृथिवी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैष्कर्म्य – Naishkarmya. Name of a book written by Sureshvar. वेदांत साहित्य प्रवर्तक सुरेश्वर (ई. 820) का एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैःषड्यभावना – Naihshgyabhaavanaa. Feeling of unattachment. पंचेन्द्रिय सम्बंधी सचित्त और अचित्त विषयों में अनासक्ति ” ये दो प्रकार की होती है – बाह्य और आभ्यंतर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रकांड – Vajrakaand : Name of the bow of Bharat Chakravarti (an emperor). भरत चक्रवर्ती के धनुष का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेत्रोन्मीलन विधि – Netronmeelana Vidhi. A particular kind of ritual procedure of opening the eyes of the idol of Lord Jinendra with the golden-stick especially to be observed in Panchkalyanak Pratishtha on the day of attainment of Kevalgyan (ommiscience). पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में झंडारोहण-अंकुरारोपण के समय सर्वण्ह यक्ष की प्रतिमा के नेत्रों को मंत्रपूर्वक स्वर्ण…