एकैक उत्तरप्रकृति बन्ध!
एकैक उत्तरप्रकृति बन्ध One one secondary configuration bond (reg. Karmas). अप्रमुख कर्म प्रकृतियों का बन्ध होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकैक उत्तरप्रकृति बन्ध One one secondary configuration bond (reg. Karmas). अप्रमुख कर्म प्रकृतियों का बन्ध होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चारित्रमोह क्षपक The destroyer of conduct deluding Karmas. चारित्र की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पष्ट – Spasta. Clear, unambiguous, Obviousness.जिसके समझने या देखने मे कोई कठिनता न हो, व्यक्त।
छात्रचूड़ामणि A story on Jeevandhar Swami written by Vadibh-singh Odayadev. वादीभसिंह ओडयदेव (ई. ७७०-८९०) कृत जीवन्धर स्वामी का चरित्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्षन इन्द्रिय – Sparssana Indriya. The sense organ of touch.जिसके द्वारा स्पर्श किया जाता है उसे स्पर्शन इन्द्रिय कहते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्रानुभाव–Mishraanubhav. A type of mixed dispositions (virtuous & vicious). शुद्धोप्योग एवं शुभोपयोग मिश्रित या शुभ–अशुभोपयोग रूप मिश्रित संवेदन”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्नान – Snaana. To take bath (it is restricted for Jaina Saints as a basic restraint).शरीर की शुद्वि के लिए जल से नहाया। साधुओ का अस्नान नामक मूलगुण होता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य आश्रम – Brahmacarya Asrama. Life span of celibacy. चार आश्रमों में एक आश्रम; बाल्यावस्था से युवा होने तक ब्रह्मचर्य पालते हुए विधा का अभ्यास करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल – Sthuula. State of grossness.मोटा, बड़ा स्कंध के 6 भेदो मे प्रथम भेद जो छेदन भेदन करने पर स्वंय जुड़ जाते है ऐसे धी, तेल, पानी आदि स्थूल स्कंध कहलाते है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विषयासक्त : == अंधादयं महानन्धो विषयान्धीकृतेक्षण:। —आत्मानुशासन : ३५ विषयांध व्यक्ति अंधों में सबसे बड़ा अंधा है।