लय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लय – लीनता, तन्यमयता जो मुनि कल्पना के जाल को दूर करने अपने चैतन्य आनंन्दमय स्वरूप में लय को प्राप्त होता है वही निष्चयरत्नत्रय का स्थान होता है। Laya-Absolute engrossment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लय – लीनता, तन्यमयता जो मुनि कल्पना के जाल को दूर करने अपने चैतन्य आनंन्दमय स्वरूप में लय को प्राप्त होता है वही निष्चयरत्नत्रय का स्थान होता है। Laya-Absolute engrossment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शलाका कुण्ड – Shalaakaa Kunda. A large pit for the for the large mathematical measurement. उत्कृष्ट संख्यात प्रमाण जानने के लिए जम्बूद्वीप के सामान 1 लाख योजन लम्बे-चौड़े और एक योजन गहरे शलाका, प्रतिशलाका, महाशालाका, अनवस्थित इन 4 कुण्डों में एक कुण्ड “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्हेतुकत्व – Nirhetukatva. Causelessness. हेतुरहितपना “
उद्दिष्ट Intended, Purposeful, With motive. जिसका विचार किया हो उद्देश्य बंधा हो नियत की हुई हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तरीयवाद -Lokottariyvaad . The synonym for Shrutgyan (scriptural knowledge ). श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
आलुंच्छन A form of self criticism. आलोचना के 4 स्वरूपों में एक भेद- कर्मरूपी वृक्ष का मूल छेदने में समर्थ ऐसा समभावरूप स्वाधीन निज परिणाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति भक्ति – Nirvrtti Bhakti. A devotional prayer for salvation of one. श्रावक अथवा श्रमण द्वारा सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यग्चारित्र की भक्ति करना ” निर्वृत्तिभक्ति (निर्वाणभक्ति) है (नियमसार से) “
देव भवन Abode of deities. चारों निकायों के देवों के भवन (प्रत्येक भवनों में जिनमंदिर होते हैं)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आहारक शरीर अंगोपांग Translocational body (which emanates from the body of a saint at the sixth stage of spiritual development i.e. 6th Gunsthan). वह नामकर्म जिसके उदय से मुनियों के मस्तक से जो आहारक शरीर निकलता है उसमें अंगोंपांग होते हैं, उसे आहारक शरीर आंगोंपांग कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बोधचतुष्क – Bodhacatuska. A quartet of knowledges i.e. sensory, scriptural, clairvoyance,& telepathic. मति , क्षुत, अवधि , मन: पर्ययज्ञान ये ४ ज्ञान “