श्रुतवीर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतवीर – Shrutaveera. Name of a Bhattarak of Sen group. सेनसंघ या वृषभ संघ की पट्टावलि के एक भट्टारक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतवीर – Shrutaveera. Name of a Bhattarak of Sen group. सेनसंघ या वृषभ संघ की पट्टावलि के एक भट्टारक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीष – Shreesa. The initiation & omniscience tree of Lord Suparshvanaath. तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ का दीक्षा एवं केवलज्ञान वृक्ष ” अपरनाम शिरीष वृक्ष “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंदी -उत्साहवर्द्धक मंगल पाठ करने वाले चारण अथवा देव। ये तीर्थकर माता को जगाने व प्रस्थान के समय उच्च स्वर से मंगल पाठ करते है। Bandi- serving deities or beings.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रमणीया – पूर्व विदेह का एक देष, नन्दीष्वर द्वीप की उत्तर दिषा में स्थित एक वापी। Ramaniya-Name of a country, name of a vapi ( like large lake) of nandishvar island
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमार्ग – आचार्य सोमदेव द्वारा रचित अध्यात्म विशयक एक ग्रंथ। Yogamarga-name of a treatise written by Acharya Somdev
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यप्रवाद – Satyapravaada. A part of early canons ( the 6th part of Purvagat Shrut) containing description of 12 type of languages & 10 types of speeches. पूर्वगत श्रुत का छठवां भेद ” इसमें 1 करोड़ पद है, जिसमे 12 प्रकार की भाषाएँ तथा 10 प्रकार के वचनों का कथन किया गया है “
उन्मुंड A king of Yadu dynasty. यदु (यादव) वंश का एक राजा कृष्ण के भाई बलदेव का ज्येष्ठ पुत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमलब्धि – Sanyamalabdhi. Attainment of restraints (after destruction of passions). क्षीण या अक्षीण अनंतानुबंधी कषायों का उदयाभावी क्षय होने पर तथा प्रत्याख्यानावरण कषायों का उदयाभावी क्षय या सदवस्था उपशम होने पर और संज्वलन तथा नोकषायों का उदय होने पर संयम लब्धि होती हैं “
उद्धार समय A time period of deliverance (salvation). मोक्ष प्राप्ति का समय काल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]