त्रिलक्षण कदर्थन!
त्रिलक्षण कदर्थन A book written by Patrakesari no.1. पात्रकेसरी नं- 1 (ई.श. 6-7) ,द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिलक्षण कदर्थन A book written by Patrakesari no.1. पात्रकेसरी नं- 1 (ई.श. 6-7) ,द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चंदानुशासन Name of a book (reg. prosody). छंद शिक्षा विषयक एक ग्रन्थ का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्षन क्रिया – Sparssana Kriyaa. Touching activity, tangibility.समप्रायिक आस्रव की 25 क्रियाओ मे कर्मबंध की कारणभूत एक क्रिया। अत्यधिक प्रमादी होकर स्पर्श योग्य पदार्थ का बार बार चिंतन करना अथवा प्रमाद से आलिंगन करने की भावना स्पर्शन क्रिया है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मांसाहार : == मांसाशनेन वर्धते दर्प: दर्पेण मद्यम् अभिलषति। द्युतम् अपि रमते तत: तद् अपि र्विणतान् प्राप्तनोति दोषान्।। —समणसुत्त : ३०४ मांसाहार से दर्प बढ़ता है। दर्प से मद्यपान की इच्छा जागती है। इससे जुआ खेलने में भी मन रमता है। अत: अकेले मांसाहार के दोष से यहां…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्नायु – Snaayu. Ligament, sinew, Fibrous tissue which unites muscles to bone.मंास-पेषियो को अस्थियो से जोड़ने वाला ऊतक, औदारिक शरीर मे स्नायु का प्रमाण 900 है।
तेला व्रत Three days vow (fasting). एक दिन एकाशन के बाद तीन दिन का उपवास करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मृत्यु : == सीहस्स कमे पडिदं, सारंगं जह ण रक्खदे को वि। तह मिच्चुणा य गहिदं जीवं पि ण रक्खदे को वि।। —द्वादशानुप्रेक्षा : २४ जैसे सिंह के पैर के नीचे पड़े हुए हिरण की कोई भी रक्षा करने वाला नहीं होता, वैसे ही मृत्यु के द्वारा ग्रहण…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थूल अब्रह्म- Sthuula Abrahma. Licentiousness, bad conduct.अपनी स्त्री के अलावा अन्य स्त्रियो के प्रति बुरी दृष्टि रखना या कुदृष्टि से उन्हे देखना। श्रावक इससे विरक्त होते है।